नई दिल्ली। बाल यौन शोषण की सूचना देने की समय सीमा खत्म हो सकती है। महिला व बाल विकास मंत्रालय इसके लिए गृह मंत्रालय से सीआरपीसी में बदलाव करने की अपील करेगा। सब कुछ ठीक रहा तो बाल यौन शोषण का शिकार व्यक्ति कभी भी अपने साथ हुए कुकृत्य की शिकायत कर सकेगा।हालांकि सीआरपीसी में बदलाव के बाद भी कई सवाल खड़े होने जा रहे हैं। सालों पहले हुई घटना की जांच किस तरह से की जाएगी। क्या मामले से जुड़े सारे साक्ष्य समय गुजरने के बाद भी पहले की तरह कायम होंगे? सूत्रों का कहना है कि महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी की भारतीय मूल के 53 वर्षीय वैज्ञानिक से मुलाकात में यह मामला उठा। कनाडा में रह रहे वैज्ञानिक ने मेनका को बताया कि किस तरह से उनके साथ बचपन में यौन शोषण किया गया था। वह तो किसी तरह से बच निकले, लेकिन उनका कहना था कि मंत्रालय को कुछ बदलावों पर गौर करना होगा। अभी वारदात की रिपोर्ट करने की समय सीमा निर्धारित है। उनकी अपील थी कि इसे खत्म किया जाना चाहिए।मंत्रालय के सचिव आरके श्रीवास्तव का कहना है कि गृह मंत्रालय से अपील की जाएगी कि सीआरपीसी की धारा 473 में संशोधन किया जाए। इससे वारदात की सूचना देने की समय सीमा खत्म हो जाएगी। मेनका का कहना है कि मामलों की जांच में तो परेशानी पैदा होगी, लेकिन इसका सार्थक पहलू यह है कि लोगों में भय रहेगा कि वह परेशानी में आ सकते हैं।