केरल के कोझिकोड एयरपोर्ट पर दुबई से आ रहा एअर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान करीपुर में कालीकट अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर लैंडिंग के दौरान रनवे पर फिसल गया और गहरी खाई में जा गिरा, इसमें सवार 18 लोगों की मौत हो गई व सैंकड़ों घायल हो गए। इस विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।
इस दिल दहला देने वाले हादसे के पीछे लापरवाही सामने आई है। सूत्रों की मानें तो 9 साल पहले ही चेतावनी दी गई थी कि कोझिकोड हवाई अड्डा लैंडिंग के लिए सुरक्षित नहीं है। सेफ्टी अडवाइजरी कमिटी के सदस्य मोहन रंगनाथन ने कहा था कि यह एक ढलान वाला टेबलटॉप रनवे है। इसके अलावा रनवे के आखिरी में पर्याप्त बफर जोन भी नहीं है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक रनवे के आखिरी में कम से कम 240 मीटर का बफरजोन होना चाहिए लेकिन कोझिकोड के रनवे पर यह केवल 90 मीटर का ही है। इतना ही नहीं केरल के चार हवाई अड्डों में से कोझिकोड हवाई अड्डे पर सबसे छोटा रनवे है।
रंगनाथन ने बताया कि 2011 में उन्होंने सीविल एविएशन सेफ्टी अडवाइजरी कमिटी को एक पत्र लिखा था जिसमें कहा था कि रनवे 10 को लैंडिंग के लिए सही नहीं माना जाना चाहिए और रनवे के आखिरी में जगह बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा था कि अगर रनवे एरिया में विमान नहीं रुक पाता है तो यहां आरईएसए एरिया भी नहीं है। पत्र में यह भी कहा गया था कि मंगलोर में हुए हादसे के बाद चेत जाना चाहिए और रनवे को सुरक्षित बनाना चाहिए। हालांकि इस सब के बावजूद अधिकारियों ने इस पर गौर नहीं किया और आज यह एयरपोर्ट एक दर्दनाक हादसे का गवाह बन गया। बता दें कि केरल के कोझिकोड में शुक्रवार की शाम हुए विमान हादसे में कम से कम 18 यात्रियों की मौत हो गयी तथा कई अन्य घायल हुए हैं। दुबई के कालीकट आए इस विमान में 191 यात्री एवं क्रू मेम्बर्स सवार थे। यह विमान करीपुर में कालीकट अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर लैंडिंग के दौरान रनवे पर फिसल गया और गहरी खाई में जा गिरा।