रांची। झारखंड के खूंटी में एनजीओ वर्कर्स से गैंगरेप के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हासिल हुई है। पुलिस ने मामले के 6 में से 2 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा आरसी मिशन स्कूल के फादर बुरुदीह अलफोंसो को भी लापरवाही के आरोप में न्यायिक हिरासत में लिया गया है। एडीजी ऑपरेशन्स आर के मलिक ने शनिवार को बताया कि गिरफ्तार किए गए लोग बंदगांव निवासी अजुब संदी पुर्ति और सोनुआ निवासी आशीष लोंगो हैं। उन्होंने बताया, ‘इन दोनों आरोपियों ने कोर्ट के सामने अपना गुनाह कबूल किया है। साथ ही इनका मेडिकल एग्जामिनेशन और शिनाख्त परेड भी कराई गई है। पुलिस आगे की जांच कर रही है।’
पुलिस ने कहा, ‘पथलगढ़ी नेता जॉन जॉनहस तिरु ने प्रतिबंधित संगठन पीपल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया के लोगों से अपील की थी कि ग्रुप (जिस पर हमला किया गया) में शामिल लोग पुलिस के खबरी हैं और पथलगढ़ी विरोधी हैं, इसलिए उन्हें सबक सिखाना होगा।’ तिरु ने अपने संगठन के लोगों से यह भी बताया कि ये लोग इसके बाद आर सी मिशन स्कूल भी जाएंगे, जहां उनका एक कार्यक्रम है। हमारे सहयोगी टीओआई ने शुक्रवार को प्रकाशित किया था कि अब मामले की जांच आगे बढ़ने के बाद तिरु विरोध प्रदर्शन भड़काने की तैयारी कर रहा है। एडीजी मलिक ने कहा, ‘पीड़ितों ने घटना के बाद मदद मांगी थी, मगर जिस फादर अल्फोंसो ने ग्रुप को बुलाया था, उसी ने उनकी कोई मदद नहीं की।’
रांची के डीआईजी अमोल वी होमकर ने कहा कि जांच के दौरान सामने आया कि फादर अल्फोंसो ने किस तरह अपने कर्तव्य का पालन नहीं किया और घोर लापरवाही दिखाई। उन्होंने बताया, ‘जब ग्रुप के मेंबर्स कोचनाग बाजार में प्ले कर रहे थे, तब अल्फोंसो ने उन्हें अपने स्कूल बुलाया था। जब ग्रुप के मेंबर्स पर हमला हुआ, तो उसने उन्हें बचाने के लिए भी कुछ नहीं किया।’ डीआईजी ने कहा, ‘यहां तक कि घटना के बाद पुलिस को जानकारी देने की जगह वह सब्जी खरीदने निकल गया।’ पुलिस ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों को मीडिया के सामने पेश नहीं किया और ना ही पीड़ितों द्वारा दिए गए उस बयान की कॉपी मुहैया कराई, जिसके आधार पर इनकी गिरफ्तारी हुई है।