न्यूज वाणी ब्यूरो
हाथरस। कोरोनाकाल में दूसरों को जीवनदान देने वालों की दर्द भरी दास्ता में आप भी जानिए 102 एम्बुलेंस के कर्मचारियों का दर्द। हाथरस की महिलाओं ने की सराहना। एंबुलेंस के कर्मचारियों को बताया दुख की घड़ी का अपना साथी कोरोना महामारी के साथ साथ 102 एंबुलेंस कर्मचारियों के लिए दिन हो या रात हो, भीषण गर्मी हो या ठण्ड हो, हर समय हर वक्त किसी भी प्रकार से दुर्घटना की सूचना मिलने पर तत्काल घटनास्थल पर पहुंचते हुए पीडित का राहत दिलाने का कार्य 108 एम्बुलेंस कर्मियों द्वारा किया जाता है। जो दूसरों को विषम परिस्थिति में जीवनदान देने का काम करते हैं आज वहीं 102 एम्बुलेंस के सैकड़ों कर्मचारी कोविड 19 की मुसीबतों से घिरते हुए परेशानी का सामना कर रहे हैं। इसी को देखते हुए हाथरस जिले की महिलाएं 102 एंबुलेंस के कर्मचारियों की काफी सराहना कर रही हैं। ऐसी ही एक पूजा नाम की महिला जिला बागला अस्पताल में आई और उन्होंने मीडिया कर्मचारी को बताया कि ऐसी बिपत घड़ी में 102 एंबुलेंस के कर्मचारी अपने परिवार को छोड़कर हमारी सेवा में दुख के साथी बने हुए हैं। रात हो या दिन हो यह तुरंत हमें घर से अस्पताल, अस्पताल से घर पहुंचाने का काम करते हैं। यह बहुत ही तारीफ तथा सराहना के पात्र हैं। ऐसी घड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार को इनके बारे में जरूर सोचना चाहिए। वही एंबुलेंस के एयर लेस पायलट नागेंद्र यादव ने बताया कि मैं और हमारे साथी दिन रात एक करके कोविड-19 के पॉजिटिव मरीजों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में पहुंचाते हैं। जिससे उनका स्वास्थ्य अच्छा बना रहे। उसके साथ ही एक्सीडेंट गर्भवती महिलाएं तथा आदि सेवाओं में हम अपने परिवार को छोड़कर ड्यूटी निभा रहे हैं। और हमारा फर्ज बनता है कि हम ऐसे ही सेवा करें। गौरतलब है कि आंध्रप्रदेश राज्य के हैदराबाद शहर में 15 अगस्त 2005 से आपातकालीन सेवा 102 एम्बुलेंस का सर्वप्रथम संचालन किया गया, जो कि वर्तमान में 15 राज्यों एवं 2 केन्द्रशासित प्रदेशों में सफलता पूर्वक लगातार सेवाओं का संचालन किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत मप्र में भी इस सेवा को वर्ष 2009 से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के द्वारा शुरू की गई।