अमेरिका ने मंगलवार को दुनिया के तमाम देशों से कहा कि वे ईरान से कच्चे तेल का आयात बंद कर दें। उसने आगाह किया कि अगर वे 4 नवंबर तक ईरानी कच्चे तेल की खरीद बंद नहीं करते हैं तो उन्हें नए सिरे से अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारी विरोध के बावजूद पिछले महीने ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने की घोषणा की थी। उनके इस कदम से परमाणु समझौते के तहत ईरान के ऊर्जा क्षेत्र पर पाबंदियों में जो रियायत दी गई थी, वे रियायत की अवधि खत्म होने के बाद फिर से प्रभावी हो जाएंगे। अब, वाशिंगटन अपने यूरोपीय सहयोगियों के साथ साथ अन्य देशों पर भी दबाव बढ़ा रहा है, जिनमें भारत, जापान और चीन जैसे ईरान के प्रमुख ग्राहक भी शामिल हैं। विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, अमेरिकी अधिकारी यूरोपीय और एशियाई देशों का दौरा कर रहे हैं। वे देशों को कह रहे हैं कि वे 4 नवंबर को रियायत अवधि समाप्त होने से पहले ईरान से तेल आयात को पूरी तरह खत्म कर दें। अधिकारी ने आगाह किया कि अमेरिका इस मामले में कोई छूट देने का इरादा नहीं रखता। अधिकारी ने कहा, हम इस मामले में कोई छूट नहीं देंगे। ईरान पर घेरा कसना हमारी शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि अमेरिका तेल की आपूर्ति बढ़ाने के लिए पश्चिम एशिया के अन्य देशों के साथ काम कर रहा है। ताकि ईरान पर पाबंदी के कारण तेल की वैश्विक आपूर्ति में कोई बाधा न आए।
अधिकारी ने कहा कि उसकी योजना इस संबंध में चर्चा के लिए जल्दी चीन और भारत की यात्रा करने की है।