मैनचेस्टर। सीमित ओवर क्रिकेट में टीम इंडिया की क्षमता पर कोई सवाल नहीं है, लेकिन जिस तरह से इंग्लैंड ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया का सफाया किया उससे साफ है टीम इंडिया के लिए चुनौती इतनी आसान नहीं है। इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की टी-20 सीरीज का पहला मुकाबला मंगलवार को मैनचेस्टर में खेला जाएगा। जहां विराट कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया की लंबे इंग्लैंड दौरे की अग्निपरीक्षा शुरू होगी। भारत ने जहां सीमित ओवर क्रिकेट में पिछले सालों से खुद को साबित किया है, तो वहीं इंग्लैंड ने भी वनडे और टी-20 में पिछले कुछ समय से धमाकेदार प्रदर्शन किया है। इंग्लैंड के पास जोस बटलर, जेसन रॉय और बेन स्टोक्स जैसी रन मशीन हैं। अब 2019 विश्व कप में 12 महीने से भी कम समय रह गया है। ऐसे में दोनों ही टीम टी-20 और वनडे सीरीज को तैयारी के तौर पर लेंगी।
भारतीय टीम यहां पर आयरलैंड के खिलाफ दो टी-20 मैचों की सीरीज जीतकर पहुंची है, लेकिन कोहली एंड कंपनी जानती है कि इंग्लैंड एक बेहतर टीम है। टीम इंडिया को अगर कुछ चीज आत्मविश्वास देगी तो वह है उसकी पिछले 20 टी-20 मुकाबलों में 15 में जीत। दूसरी ओर इंग्लैंड की टीम ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया को बटलर, रॉय और जॉनी बेयरस्टो की शानदार फॉर्म के बलबूते रौंदा था। इंग्लैंड की टीम ने जून 2017 से अब तक नौ में से पांच टी-20 मुकाबले जीते हैं, जिसमें उन्होंने दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसी टीम को हराया है। दूसरी ओर टीम इंडिया के लिए आयरलैंड दौरा एक अभ्यास के तौर पर था, जहां विराट को छोड़कर सभी शीर्ष खिलाडिय़ों ने रन बनाए। इसके अलावा कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव और युजवेंद्रा सिंह चहल ने भी कई विकेट चटकाए।
टीम इंडिया के लिए तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का चोटिल होना थोड़ी परेशानी का सबब बन सकता है, जो डेथ ओवरों में काफी किफायती गेंदबाज साबित होते हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि टीम प्रबंधन बुमराह की जगह दीपक चाहर को पदार्पण का मौका देता है या फिर उमेश यादव उनकी जगह लेते हैं। यह पहला मौका है जब फरवरी से भारतीय टीम के सभी खिलाड़ी जबरदस्त फॉर्म में हैं। सीरीज की शुरुआत में टीम इंडिया अपनी निर्धारित अंतिम-11 उतार सकती है। अगर टीम अपने किसी एक स्पिनर को बेंच पर बैठाए तो सिद्धार्थ कौल को मौका मिल सकता है। यह विकल्प पिच की परिस्थिति को देखकर लिया जा सकता है, लेकिन जिस तरह से पिछले दो दिनों से मैनचेस्टर में गर्मी रही है, ऐसे में दोनों स्पिनरों के खेलने की पूरी संभावना है। हार्दिक पांड्या जहां ऑलराउंडर के रूप में अपनी जगह बना चुके हैं। ऐसे में उनके भाई क्रुणाल पांड्या और दीपक को थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है।
मध्यक्रम की बात करें तो कप्तान कोहली ज्यादा बदलाव करने के मूड में नहीं होंगे। खुद कप्तान के अलावा सुरेश रैना, एमएस धौनी मध्यक्रम की रीढ़ होंगे। वहीं मनीष पांडे को भी उनके टी-20 क्रिकेट के आंकड़ों के लिहाज से मौका मिलेगा। कोहली आयरलैंड में कह चुके हैं कि अंतिम-11 में कम ही बदलाव होंगे। ऐसे में साफ है कि केएल राहुल और दिनेश कार्तिक को मौका मिलना मुश्किल है। दोनों वनडे सीरीज में जरूर अंतिम-11 में शामिल हो सकते हैं, जहां मनीष पांडे वनडे टीम का हिस्सा नहीं है।
दूसरी ओर इंग्लैंड टीम ने भी त्रिकोणीय सीरीज में हारने के बाद अपनी रणनीति में कुछ बदलाव किया है। सबसे बड़ा बदलाव जोस बटलर को ओपनर के तौर पर उतारना है। इसमें बटलर सफल भी हुए हैं और उनके अर्धशतक के दम पर इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को एकमात्र टी-20 मुकाबले में 28 रन से शिकस्त भी दी थी। बटलर ने इस मुकाबले में मात्र 22 गेंद में अर्धशतक जड़ दिया था, जिसमें छह चौके और पांच छक्के शामिल थे। वह आइपीएल से ही जबरदस्त फॉर्म में हैं। जहां उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए लगातार पांच अर्धशतक लगाए थे। 13 मैचों में बटलर ने 155.24 के स्ट्राइक रेट से 548 रन बना डाले थे। कहने का मतलब है कि बटलर टीम इंडिया के लिए सबसे बड़ी दीवार होंगे, जिन्हें रोकना टीम इंडिया के लिए मुश्किल साबित होगा। वहीं रॉय और एलेक्स हेल्स भी भारतीय गेंदबाजों के लिए चिंता का विषय बन सकते हैं।
टीम इंडिया : विराट कोहली (कप्तान), शिखर धवन, रोहित शर्मा, केएल राहुल, सुरेश रैना, मनीष पांडे, एमएस धौनी (विकेटकीपर), दिनेश कार्तिक, युजवेंद्रा सिंह चहल, कुलदीप यादव, क्रुणाल पांड्या, भुवनेश्वर कुमार, दीपक चाहर, हार्दिक पांड्या, सिद्धार्थ कौल, उमेश यादव।
इंग्लैंड टीम : इयोन मोर्गन (कप्तान), मोइन अली, जॉनी बेयरस्टो, जैक बॉल, जोस बटलर (विकेटकीपर), सैम कुरन, टॉम कुरन, एलेक्स हेल्स, क्रिस जॉर्डन, लियाम प्लंकेट, आदिल राशिद, जो रूट, जेसन रॉय, डेविड विली, डेविड मलान।