जनमानस बेहाल!

गुल हुई बिजली ।
जनमानस बेहाल ।।
चले गये कर्मी ।
कर गुस्सा हड़ताल ।।
मुखिया को ललकार ।
रच रहे स्वांग ।।
असफल मान-मनौव्वल ।
बेअसर साष्टांग ।।
बिजली है अधिकार पर ।
दिया हथौड़ा मार ।।
वो भी भुक्तभोगी।
ना जिन पर उधार ।।
तंत्र है नाकारा ।
नहीं निकलती राह ।।
वर्तमान कृत्य।
धमकी या आगाह।।
कृष्णेन्द्र राय

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