लखनऊ। बीते एक पखवारे से जारी प्रदेश भर के लेखपालों की हड़ताल समाप्त हो गई है। अब बुधवार से लेखपाल अपने काम पर लौटेंगे। शासन से वार्ता के बाद उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ ने हड़ताल खत्म करने का एलान किया। लेखपालों को अभी सरकार से केवल आश्वासन ही मिला है। संघ का दावा है कि सरकार ने आंदोलन के दौरान लेखपालों के खिलाफ की गई दंडात्मक कारवाई समाप्त किए जाने और एक माह बाद मांगों का समाधान करने के निर्देश दिए हैं।
अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर तीन जुलाई से प्रदेश भर के करीब 32 हजार लेखपाल कार्य बहिष्कार पर चले गए थे। जिससे राजस्व विभाग व सरकार की पेंशन, छात्रवृत्ति समेत करीब 17 कल्याणकारी योजनाओं का काम ठप हो गया था। लेखपालों ने वेतन, प्रमोशन, भत्ता, लैपटॉप, पदनाम परिवर्तन समेत कई अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे। मांगे पूरी न होने तक हड़ताल पर अड़े लेखपालों पर सरकार ने दंडात्मक कार्रवाई भी शुरू कर दी। दो वर्ष पहले तैनात प्रशिक्षु लेखपालों को बर्खास्तगी का नोटिस थमाया जाने लगा। प्रदेश व जिले के पदाधिकारियों समेत अन्य लेखपालों को निलंबित किया गया। अन्य लेखपालों की सर्विस ब्रेक की जाने लगी। इसके बावजूद लेखपाल अपनी मांगों से टस से मस नहीं हुए। सरकार के काम पिछड़ने लगे। इधर लेखपालों पर भी दबाव बढ़ने लगा। नए नियुक्त लेखपाल सबसे अधिक भयभीत थे। मंगलवार को अपर मुख्य सचिव राजस्व व राजस्व परिषद के अधिकारियों के साथ संघ की बैठक हुई। प्रदेश महामंत्री ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मांगों के प्रति सरकार के सकारात्मक दृष्टिकोण व एक माह में मांगों का समाधान करने के निर्देश दिए जाने के बाद संघ ने आंदोलन स्थगित कर दिया है।हड़ताल समाप्त होने से आम लोगों को राहत मिलेगी। छात्रवृत्ति का आवेदन कर रहे, दाखिला ले रहे छात्रों और निराश्रित महिला, वृद्धावस्था व दिव्यांग पेंशन के लिए आवेदन करने वालों को आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र मिलने लगेंगे। लाभार्थियों की जांच भी शुरू हो जाएगी। जिलाध्यक्ष सुशील कुमार शुक्ला ने बताया कि वह सभी अभियान चला कर बकाया काम निपटाएंगे।
लेखपालों को तुरंत तो कोई लाभ नहीं हुआ। उन्हें बुधवार से अपना काम पुरानी व्यवस्था के तहत शुरू करना होगा। पर कुछ मांगों पर सरकार की सैद्धांतिक सहमति जरूर मिली। इससे लेखपालों में आस जगी है। लेकिन अधिकांश लेखपाल हड़ताल वापस लेने से खफा हैं। हड़ताली लेखपालों कों विशेष भत्ता, पेट्रोल व स्टेश्नरी भत्तों में बढ़ोत्तरी किए जाने, पूरे सेवाकाल में एक बार गृह मंडल के किसी जिले में स्थानान्तरण,,लेखपालों को निर्वाचन कर्मी घोषित करने, क्रॉप कटिंग के लिए 40 से स्थान पर 80 रुपए करने, कृषि गणना में लेखपालों को मिलने वाली राशि में बढ़ोत्तरी, प्रमाण पत्रों के लिए यूजर चार्जेज लेखपालों को दिए जाने, राजस्व परिषद के पाले में लैपटॉप की मांग पर सहमति बनी। संघ के उपाध्यक्ष (मध्य जोन)भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि लैपटॉप व स्मार्टफोन की मांग पर सरकार ने राजस्व परिषद को जल्द से जल्द कार्यवाही पूरी किए जाने के निर्देश दिए हैं। लेखपालों को फर्नीचर, शौचालय की सुविधा के साथ ही तहसील में एक कमरे की व्यवस्था भी किए जाने के लिए राजस्व परिषद को कहा गया है। लेखपाल नियमावली में संशोधन, पदनाम, शैक्षिक अर्हता, भर्ती की प्रक्रिया, स्थानान्तरण आदि मांग कैडर रिव्यू से संबंधित माना गया है। सरकार ने इनका परीक्षण करने के बाद एक माह में प्रस्ताव तैयार करने का भरोसा दिया है।