मासूम बच्चों के साथ खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर विधवा

न्यूज वाणी ब्यूरो
शाहजहाँपुर। प्रशासन की लापरवाही से एक गरीब विधवा कड़ाके की सर्दी में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है। बेसहारा गरीब, गांव में जहाँ प्रधान की दबंगई का शिकार हो पीड़ित हो रही है तो वहीं मदद के लिए अपने मासूम बच्चो के साथ विधवा औरत दर दर भटक रही है।
मामला पुवाँया एरिया में गांव कंजा पुरेना का है। जहाँ अभिशाप बनी गरीब से लड़ रहा राजेश इलाज के अभाव मौत की नींद सो गया। अपने पीछे पत्नी मंजू व चार मासूम बच्चो छोड़ गया। परिवार के पेट को जहाँ रोटी मिलनी बंद हो गई तो वहीं घर के नाम पर पडोसियों की मदद से पॉलीथीन तान कर इस कड़ाके की सर्दी में रहने को मजबूर है। ग्राम प्रधान के पास मदद को कई चक्कर कांटे लेकिन उसे भगा दिया। गरीबी रूपी अभिशाप की शिकार मंजू अपने बच्चो के साथ दर दर भटकते देख एरिया के अनेको समाज सेवको ने हांलाकि उसके और बच्चो का पेट पालने के लिए अनाज का बन्दोबस्त कर दिया है लेकिन प्रशासन स्तर से विधवा मंजू को सर पर एक छत और बर्तन कपड़ो की दरकार है। भारत सरकार की ओर से देश में गरीबी हटाने के लिए सैकड़े योजनाए चलाई जा रही है लेकिन उसका फायदा किस तरह के पात्रो को मिल रहा है यह किसी से छिपा नही है। वहीं आयोध्या में भव्य राम मन्दिर बनाने के लिए जमा किए जा रहे करोड़ो के चन्दा दान में लोग बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं लेकिन विधवा गरीब को नजर अन्दाज करके चिराग तले अन्धेरा बाली कहाबत को उजागर करते नजर आ रहे हैं। फोन पर इस मामले को पुवाँया एसडीएम दशरथ कुमार, खंण्ड विकास अधिकीरी पर टालते नजर आए लेकिन खंण्ड विकास अधिकारी ने फोन भी रिसीव करना जरूरी नही समझा।

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