सीबीडीटी ने वर्ष 2018-19 का एक्शन प्लान जारी कर दिया है। पहली बार टीडीएस बढ़ाने पर खास फोकस किया गया है। इसके लिए सभी आयकर अधिकारियों को साल में कम से कम दस सर्वे या जांच का टारगेट दिया गया है। साफ है कि इस बार टीडीएस के छापे बड़ी संख्या में पड़ेंगे। सरकारी विभागों में बकाया टैक्स के लिए भी समय तय किया गया है। वहां से नियमित टैक्स वसूली के लिए टीम बनेगी।
गुरुवार को चेयरमैन सुशील चंद्रा ने जारी एक्शन प्लान में विवादों को कम करने पर जोर दिया है। टैक्स की रिकवरी और बकाया टैक्स की वसूली ज्यादा से ज्यादा करने के निर्देश दिए हैं। प्रत्येक आयकर अफसर को टीडीएस डिफॉल्टरों का लक्ष्य दिया गया है। एक अधिकारी कम से कम दस डिफॉल्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएगा। इसके अलावा प्रत्येक आयकर अधिकारी कम से कम दो जांच या सर्वे जरूर करेगा ताकि आयकर रिटर्न की क्रॉस चेकिंग की जा सके।
1.25 करोड़ नए करदाता बढ़ाने का लक्ष्य
चालू वित्तीय वर्ष में 1.25 करोड़ नए करदाताओं की संख्या बढ़ाई जाएगी ताकि टैक्स बेस ज्यादा तेजी से बढ़े। एक अप्रैल 2018 की बकाया डिमांड में 40 फीसदी की कमी लाई जाएगी। सीआईटी अपील में लंबित केसों के लिए लक्ष्य तय किया जाएगा। डिमांड के आधार पर हर मामले की समयावधि तय की जाएगी।
कोर्ट में लंबित मामलों के लिए 31 अगस्त 2018 तक की डेडलाइन तय की गई है। इस तारीख तक विभाग जिन मामलों में अपील में गया है, उसकी फाइनल रिपोर्ट कर ली जाएगी। शिकायतों के समाधान के लिए अधिकतम 30 दिन का समय दिया गया है। असेसमेंट इकाइयों के लिए समयबद्ध लक्ष्य दिया गया है। रिकवरी और डिमांड को लेकर नए मानक तय किए गए हैं। अब स्क्रूटनी के सभी मामलों को 31 अक्टूबर 2018 तक खत्म करना होगा।
देश के बाहर भेजे जाने वाली विदेशी मुद्रा पर सख्ती बढ़ा दी गई है। विदेशी मुद्रा बाहर भेजने पर एक फॉर्म 15 सीए और 15 सीबी लगता है। ये फार्म बैंक में मिलते हैं। बड़े लेनदेन वाले फार्मों को आयकर विभाग जांच करेगा। संदिग्ध फॉर्मों की जांच 31 दिसंबर तक करनी होगी।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
सेंट्रल एक्शन प्लान में जिन क्षेत्रों को चुना है, उसमें विभाग को सक्रियता से एक्शन लेना होगा। इससे टैक्स कलेक्शन तेजी से बढ़ेगा। डिफॉल्टरों के खिलाफ बने एक्शन प्लान से अन्य करदाताओं को सख्त संदेश जाएगा। टैक्स बेस बढ़ाने की संख्या ज्यादा करने की जरूरत है।
-सीए विवेक खन्ना, पूर्व चेयरमैन सीआईआरसी