नई दिल्ली। दिल्ली में अब अवैध निर्माण करना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा। यहां नियमित या अवैध कॉलोनियों में किसी भी तरह के अवैध निर्माणों पर पल-पल की नजर रखने के लिए इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ऐसे निर्माणों की डिजिटल मैपिंग करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह काम करने के लिए हाउजिंग ऐंड अर्बन अफेयर मंत्रालय को भी आदेश दिया है।
इतना ही नहीं, अवैध निर्माणों की डिजिटल मैपिंग तैयार करने के लिए नैशनल इंफॉर्मेशन सेंटर (एनआईसी) की मदद भी ली जाएगी। डिजिटल मैपिंग के अलावा एसटीएफ को अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए और मजबूत बनाने के लिए टास्क फोर्स में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अफसरों को भी शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। एमसीडी के एक सीनियर अफसर के अनुसार भारत में ग्रीनरी को सुरक्षित रखना एक मुश्किल काम था।
हर साल ग्रीनरी खत्म हो रही थी और भारत सरकार के पास उसका कोई डेटा भी नहीं था। ऐसे में सरकार ने ग्रीनरी पर नजर रखने के लिए इसरो से ही बायो-डायवर्सिटी इन्फॉर्मेशन सिस्टम तैयार कराया था, जिसे इसरो ने अक्टूबर 2002 सैटलाइट मैपिंग और ग्राउंड वर्क कर तैयार किया था। इसी तरह से ही दिल्ली के नियमित और अवैध कॉलोनियों में अवैध निर्माणों को पुख्ता डेटा तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रालय को इसरो की मदद लेने के लिए कहा गया है।
मकसद यह है कि एक-एक अवैध निर्माण पर हर पल नजर रखी जा सके और दिल्ली में कोई भी नया अवैध निर्माण होता है तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जा सके।