कानपुर । न्यूज वाणी फजलगंज थानाक्षेत्र के सिटी बस डिपो में एक संविदा चालक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी। जिसकी जानकारी पर साथी चालकों ने शहर के अलग-अलग जगहों पर दौड़ रही बसों को डिपो के अंदर खड़ी कर दी। इसके बाद सभी ने डिपो में साथी चालक का शव रखकर एआरएम पर आरोप लगा जमकर हंगामा काटा। सूचना पर पहुंची कई थानों की फोर्स व अधिकारियों ने किसी तरह से शांत कराया और शव परिजनों को सौंप दिया।
हरबंश मोहाल थानाक्षेत्र का रहने वाला रवि शुक्ला फजलगंज सिटी बस डिपो में संविदा पर चालक था। जिसकी संदिग्ध परिस्थितियों में देर रात डिपो में ही मौत हो गयी। जानकारी पर एआरएम मनोज शर्मा ने स्टॉफ में बिना किसी को जानकारी दिये परिजनों को बुलाकर शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। यही नहीं चालक के शव को उसके घर भी पहुंचा दिया गया। इधर सुबह से डिपो के अन्य चालक अपने-अपने रूटों पर बस लेकर निकल गये। इसी बीच करीब 11 बजे अन्य बस चालकों को रवि की मौत की सूचना मिली। जिसके बाद शहर में निकले सभी बस चालक बसों को डिपो में खड़ा कर दिया और शव को उसके घर से लाकर डिपो में रख दिया और हंगामा करने लगे। चालकों ने आरोप लगाया कि यहां पर एआरएम के सह पर बिना रूपया दिये ड्यूटी नहीं मिलती और रवि के पास रूपया नहीं था। इसीलिये उसको तीन दिनों से ड्यूटी नहीं दी गयी और उसे प्रताड़ित किया गया। जिससे वह अवसाद में रहने लगा और तीन दिनों से घर न जाकर डिपो में ही रह रहा था। अवसाद के चलते उसकी हार्ट अटैक से मौत हुई है जिसके जिम्मेदार यहां के अधिकारी हैं। चालकों का हंगामा बढ़ता देख डिपो के आलाधिकारियों ने पुलिस को सूचना दी और कई थानों के फोर्स के साथ सीओ गोविन्द नगर आर.के. चतुर्वेदी भी पहुंच गये। पुलिस ने चालकों को काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन वह रवि को 20 लाख मुआवजे की मांग पर अड़े रहे। काफी मात्रा में फोर्स आने के बाद एआरएम मनोज शर्मा भी पहुंचे और फौरी तौर पर पचास हजार की आर्थिक सहायता दी और आगे भी सहायता करने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही कहा कि पूरे मामले की जांच कर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। जिसके बाद बस चालकों ने शव को डिपो से हटाकर परिजनों के साथ अंतिम संस्कार के लिये निकल गये।
चालकों का आरोप
सिटी बस डिपो के चालक संजीव तिवारी और रमन आदि ने आरोप लगाया कि बस चालकों व परिचालकों को विभाग से नियमित ड्यूटी और पूरी सैलरी नहीं मिलती है। जिसकी वजह से उनकी सैलरी भी कम हो जाती है। इसी का नतीजा है कि एक सविंदा कर्मी की मौत डीपो के अंदर हो गयी। मृतक रवि शुक्ला के साथी संजीव तिवारी का आरोप है कि उसको तीन दिनों से ड्यूटी नहीं दी जा रही थी। जिसकी वजह से वह डिपो में ही रह रहा था रवि कई बार अधिकारियों के पास गया और उनसे ड्यूटी देने की बात कही लेकिन उसको ड्यूटी नहीं दी गयी। डिपो के अधिकारियो ने उसका उत्पीड़न किया जिसकी वजह से रवि की मौत हो गयी। चालकों का आरोप है कि सविंदा कर्मियों से 14700 रूपये का बांड भरवाया गया है लेकिन केवल 5000 रूपये ही दिया जाता है।
एआरएम का कहना
एआरएम मनोज शर्मा ने बताया कि बस चालक रूपया देकर ड्यूटी लगाने का आरोप लगा रहें है। अगर उनसे कोई रूपया मांगता है तो उसका प्रमाण दे और आरोपी के खिलाफ शत प्रतिशत कार्रवाई की जायेगी। फिलहाल रवि के परिजनों को पचास हजार रूपये की आर्थिक सहायता की गयी है। प्रयास किया जाएगा कि विभाग की ओर से उसके परिजनों को अधिक से अधिक मुआवजा मिल सके। रही बात बीमा राशि की तो जब तक बीमा की राशि नहीं मिल जाती हैं तब तक उसके परिवार को मासिक भत्ता विभाग देता रहेगा। जिससे उसके परिवार का भरण पोषण होता रहेगा।
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