न्यूज वाणी ब्यूरो
यमुनानगर। पीएचडी की शिक्षा प्राप्त कर चुके अनुसूचित जाति वर्ग के 30 विद्यार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों में अध्ययन के लिए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा अध्येतावृति (थ्मससवूेीपच) प्रदान किए जाने पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रत्नलाल कटारिया ने इसे सामाजिक न्याय की दिशा में एक एतिहासिक कदम बताया। पीएचडी की शिक्षा के उपरांत विभिन्न आवश्यक क्षेत्रों में अध्ययन की दिशा में अध्येतावृति के लिए चयनित उक्त विद्यार्थियों को नई दिल्ली में डाॅ अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में संबोधित करते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रत्नलाल कटारिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा साहब डाॅ भीमराव अम्बेडकर द्वारा प्रशस्त किए गए मार्ग का अनुसरण करते हुए सामाजिक व आर्थिक रूप से शोषित वर्गों के उत्थान व कल्याण की दिशा में नीतिगत परिवर्तनों को कार्यरूप दिया है। केंद्रीय राज्यमंत्री रत्नलाल कटारिया ने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान व कल्याण की दिशा में चलाई जा रही विभिन्न कलयाणकारी योजनाओं के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2021-2022 के लिए वित्तिय आबंटन 83,256.62 से बढाकर 126259.20 करोड़ रूपये किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति योजना के लिए 35000 करोड रुपए प्रदान कर देश के 4 करोड़ दलित विद्यार्थियों के लिए शिक्षा नए अवसर प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त किया है। केंद्रीय राज्य मंत्री रत्नलाल कटारिया ने कहा कि अनूसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों के कल्याण की इस छात्रवृत्ति योजना की वित्तिय राशि में पांच गुणा वृद्धि की गई है। इसछात्रवृत्ति योजना पर आगामी पांच वर्षों में खर्च किए जाने वाले 60000 करोड़ रूपये की धनराशि में में केंद्र सरकार का योगदान 35000 करोड़ रूपये का होगा। इस छात्रवृत्ति योजना से अनुसूचित जाति वर्ग के 4 करोड़ विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। उल्लेखनीय है कि पीएचडी की शिक्षा के उपरांत विभिन्न क्षेत्रों में अध्ययन के लिए अध्येतावृति के लिए चयनित उक्त 30 विद्यार्थियों द्वारा सामाजिक व आर्थिक उत्थान की आवश्यकता से संबंधित विभिन्न उपयोगी अध्ययन किए जाएंगे। आयोजित कार्यक्रम में उक्त विद्यार्थियों ने परस्पर रूप से अपने अनुभवों को भी सांझा किया।