भगवान कृष्ण की बाल लीला व गोर्वधन पूजन की कथा सुन श्रोता हुए मंत्रमुग्ध – भगवान के सामने कोई भी पापी कितना भी रूप बदलकर आए बच नही सकता: पं० निष्कम्प

न्यूज वाणी ब्यूरो
ईंटों/जालौन। ब्लाक कुठौन्द के न्याय पंचायत ईंटों क्षेत्र के ग्राम पृथ्वीपुरा में रामेश्वरी माता के मन्दिर पर तिवारी परिवार के सानिध्य में चल रही श्रीमद् सप्ताहिक भागवत कथा के पांचवे दिवस कथा व्यास पं० बालयोगी सुश्री निष्कम्प चेतना गिरिजी महाराज अमृतसर ने भगवान कृष्ण के बाल लीलाओं की कथा को कहते हुए कहा है कि भगवान कृष्ण ने अपने बचपन में ब्रिज चैरासी कोस में सखाओ के साथ नाना प्रकार की लीलाएं की है। भगवान कृष्ण ने अपने बाल सखाओं के साथ खेल कूद करते करते बड़े बड़े राक्षसों को मारा है। अघासुर नामक राक्षस अपना भेष छिपाकर आया था। भगवान के पास भगवान पास कोई भी पापी कितना भी रूप बदलकर आए लेकिन भगवान से बच नही सकता। भगवान उसे पहचान ही लेते है। अघासुर राक्षस का भगवान ने वध किया और सभी का कल्याण किया है और पृथ्वी को अत्याचारियों से मुक्ति दिलाई है। भगवान कृष्ण अपने बचपन में बाल सखाओं को साथ लेकर माखन चोरी चीर हरण आदि लीलाएं किया करते थे। और अपने भक्तों को दर्शन दिया करते थे। भगवान ने अपनी लीलाओं से संसार के प्राणियों को प्रेम करना सिखाया है। गोवर्धन लीला की कथा बखान करते हुए कथा ब्यास ने कहा है कि भगवान कृष्ण ने इन्द्र देव की पूजा बन्द करवाकर गोर्वधन पर्वत की पूजा करवाई। और इन्द्र देव के अंहकार को समाप्त करवा दिया। भगवान किसी का भी अंहकार नही रहने देते है। फिर चाहे उनका कितना भी बड़ा भक्त हो। भगवान के सामने किसी का भी अभिमान नही चलता है।इस मौके पर श्रीप्रकाश दीक्षित के द्वारा 51 किलो बुंदी का प्रसाद बितरित करवाया गया है। गोर्वधन पूजन में छप्पन भोग भी लगाया गया है। इसके अलावा जितेन्द्र तिवारी, पिन्टू तिवारी, पवन शर्मा, जीसाहब तिवारी, लवकुश त्रिपाठी लम्बरदार, दीपू लम्बरदार, अनुराग, आचार्य श्रीरमण शास्त्री, तिवारी, दीपक, कृष्ण शास्त्री, किशनजी दीक्षित, कथा पारीक्षित राजेन्द्र प्रसाद तिवारी व इनकी पत्नी नारायणदेवी, श्रीप्रकाश दीक्षित, श्रीकान्त तिवारी, सुरेन्द्र दीक्षित, रजनीकांत पाठक, दम्मू दीक्षित, विपिन दीक्षित, रामजी गुप्ता, पत्रकार संजय गुप्ता भोला पाठक नीलकमल सियाराम शिवहरे विपिन आदि सहित सैंकड़ों श्रोतागण मौजूद रहे।

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