फतेहपुर। न्यूज वाणी जिला प्रशासन द्वारा नगर में चलाए जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान में बड़ी से बड़ी बिल्डिंगे तोड़ फोड़ की जद में आ गयी है तो वहीं प्रशासन के अभियान से कब्रिस्तान के मुर्दे भी नही बच सके और सड़क पर आ गये।
बताते चले की सड़कों से अतिक्रमण हटाने के लिए पूर्व की सड़क की नाप के अनुरूप जिला प्रशासन द्वारा निर्माण को हटाते हुए कब्जों को खाली करने का अभियान चला रखा है जिसकी जद में आने वाले मकानों दुकानों के अवैध निर्माण को तोड़ने के लिये प्रशासन द्वारा निशान लगाकर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शुरू कर दी गई। अतिक्रमण के दायरे में जो भी आया प्रशासन के बुलडोजरों ने उसे धराशायी कर दिया। बड़ी से बड़ी, ऊंची से ऊंची बिल्डिंगों को तोड़ दिया गया वहीं प्रशासन द्वारा वक्फ बोर्ड में दर्ज कब्रिस्तान की भूमि को भी न बख्शते हुए सपा शासन काल के दौरान सरकार द्वारा निर्मित कराई गई बाउंड्रीवाल को ध्वस्त कर दिया गया। साथ ही शिया मुसलमानो की पवित्र जगह कर्बला और उससे लगे कब्रिस्तान और इमिलियाबाग स्थित नगर पालिका के सामने के कब्रिस्तान की बाउंड्रीवाल भी ध्वस्तीकरण की भेंट चढ़ गया। जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के विरुद्ध की जा रही कार्यवाही से जहाँ कुछ लोग सराहना कर रहे है तो वहीं ध्वस्तिकरण में इस तरह की बर्बरता किये जाने से लोगो में गम और आक्रोश है। अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर जहाँ प्रशासन सरकारी जमीनो पर से कब्जा मुक्त कर रहा है तो वहीं लोगो के सामने अपने मकान और दुकान टूट जाने के कारण रोजी रोटी और परिवार को पालने का भी संकट खड़ा हो गया है। जिला प्रशासन के बुलडोजर के कहर से बचने के लिये लोग अपने खून पसीने की कमाई से बनायी गई इमारतों को अपने हाथों से तोड़ने को मजबूर है। बरसात के मौसम में इस तरह की कार्यवाही ने लोगो की उलझन और बढ़ा दी है। मकानों में हुई तोड़फोड़ से लोगो की गृहस्थीयां बारिश में भीग कर बर्बाद हो रही है। तो लोगों के सामने अपने और अपने परिवार को बारिश से बचाने की भी चिंता खाये जा रही है। जबकि मेहनत की कमाई से बनाई गई गृहस्थी उनकी आँखों के सामने बर्बाद हो रही है। मंगलवार को भी अतिक्रमण विरोधी अभियान जारी रहा हालाकि प्रशासन का बुलडोजर तो नही चला लेकिन चिन्हीकरण होने वाले भू स्वामी अपने अपने कलेजे पर पत्थर रख आँखों में आंसू लिये मकानों को तोड़ते हुए देखे गए। लोगो द्वारा किये स्वयं की जा रही तोड़फोड़ को देखते हुए आज जेसीबी तो नही गरजी लेकिन किसी तरह के भीड़ के जमाव और अप्रिय घटना से बचने के लिये फोर्स निरन्तर गश्त करती रही। कब्रिस्तान के सामने से गुजर रहे लोगो के मुंह से यकायक एक ही बात निकल रही है कि प्रशासन ने लोगों के साथ ही मुर्दों को भी नही बख्शा और उन्हें भी सड़क पर ला छोड़ा।