न्यूज वाणी ब्यूरो
अतर्रा/बाँदा। हर घर नल से जल के लिए लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। परियोजना शुरू की गई है उसके उलट कृष्णानगर मोहल्ले में दो दशक पहले खर्च किए गए एक करोड़ रुपये पानी में ही बहते दिख रहे हैं। बनवाई गई पानी की टंकी से आज तक जलापूर्ति नहीं की जा सकी। करीब 15 हजार की आबादी पानी को तरस रही है और टंकी हैंडओवर तक नहीं की जा सकी। पेयजल संकट से निपटने के लिए के लिए संसाधनों के नाम पर भले ही हर साल लाखो रुपये खर्च हो रहे हों, लेकिन जिले के कई ऐसे क्षेत्र हैं। जहां लोग पानी संकट से जूझ रहे हैं। यही हाल अतर्रा के कृष्णानगर समेत उससे जुड़े अन्य मोहल्लों का है। जहां करीब दो दशक पहले एक करोड़ की लागत से 15 हजार की आबादी की प्यास बुझाने के लिए पानी की टंकी बनायी गयी थी। जल निगम 16वीं शाखा द्वारा बनायी गयी यह टंकी आज भी सफेद हाथी बनी खड़ी है। प्यास बुझाना तो दूर आज तक हैंड़ओवर तक नही हो पायी। नगर के कृष्णा नगर में सन 2001-2002 में जलनिगम की 16वीं शाखा द्वारा लगभग 15 हजार आबादी क्षेत्र को पेयजल आपूर्ति हेतु पानी टंकी का निर्माण कराया गया था। इस टंकी से मूसानगर, कृष्णा नगर, सुदामापुरी, बिसंडा रोड, ओरन रोड को पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लगभग एक करोड़ की लागत से निर्माण कराया गया था टंकी निर्माण के बाद सभी वार्डो में पाइप लाइन भी बिछा दी गई। कुछ लोगो के कनेक्शन भी हो गए, परंतु टूटी पाइप लाइन के कारण सप्लाई चालू होते ही पानी नलियों व सड़को में बहने लगा। जिस कारण सप्लाई बंद कर दी गयी जो आज तक फिर शुरू नही हो सकी हो। इतना ही नही जल संस्थान द्वारा टंकी निरीक्षण में मिली खामियों को सही कराने की बात कह हैंडओवर की बात कही गई थी, लेकिन आज तक न तो खामियां दूर हुई और न ही हैंडओवर हुई है।
बोले जिम्मेदार-
कौशल कुमार (अवर अभियंता जल संस्थान) ने बताया कि जल निगम द्वारा बनवाई टंकी की खामियां अभी तक नहीं बन पायी जिसके चलते हैंडओवर नहीं हो सकी है।
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