ताश के पत्तों की तरह अतिक्रमण अभियान मे बिखर गये लोगों के आशियाने

फतेहपुर। ,न्यूज वाणी  शासन की मंशा के अनुरूप जिला प्रशासन द्वारा सड़कों को चैड़ीकरण किये जाने को लेकर चलाये जा रहे जनपद मे अतिक्रमण अभियान तमाम विरोध के बाद भी लगातार जारी है। अधिकांश मार्गों मे काफी हद तक अतिक्रमण को ढहा भी दिया गया है। अभियान से लोगों के प्रतिष्ठान और मकान ताश के पत्तों की तरह बिखर गये हैं। तमाम ऐसे लोग अभियान की चपेट मे आ गये हैं जिनका आशियाना भी नही बचा और उनके आगे दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़ गये हैं। प्रशासन की इस कार्यवाही से जहां तमाम लोग सराहना कर रहे हैं तो वहीं तमाम ऐसे परिवार हैं जो सड़कों पर आ गये हैं। तमाम लोग एक दुकान के भरोसे अपने परिवार का पालन पोषण कर बच्चों को शिक्षित करने का काम करते थे लेकिन इस अभियान की चपेट मे तमाम ऐसे परिवार भी हैं जिनके पास न तो कमाने के लिए दुकान बची है और न ही सर छुपाने के लिए छत बची है। ऐसे लोगों को चिन्हित कर प्रशासन को राहत देने के लिए कदम उठाने चाहिए जो वास्तविक मे इस अभियान से पूरी तरह से सड़कों पर आ गये हैं उन्हें शासन स्तर से राहत दिलाने के साथ उनकी पूरी मदद करनी चाहिए। साथ ही समाजसेवी संस्थाओं को भी आगे आना चाहिए और बेघर व बेरोजगार लोगों की मदद कर उनका सहारा बने। जिला प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान से शहर का सुन्दरीकरण तो होना निश्चित है लेकिन इस अभियान के साथ-साथ प्रशासन को चपेट मे आये लोगों को राहत दिलाने के लिए भी कदम उठाने होगे। वैसे तो जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह के कार्यों की हर तरफ सराहना हो रही है। जिस मंशा के साथ जिलाधिकारी अभियान चलाकर अतिक्रमण को हटाने का काम कराया जा रहा है उससे निश्चित ही जनपद का विकास होगा और सुन्दर एवं स्वच्छ जिला बनेगा लेकिन सवाल यह उठता है कि अतिक्रमण अभियान मे तमाम ऐसे लोग चपेट मे आ गये हैं जो एक दुकान के सहारे परिवार का गुजर बसर कर बच्चांे को शिक्षित करने का काम करते थे ऐसे लोगों के सामने बड़ी मुशीबत बन गयी है। ऐसे लोगों को चिन्हित कर जिला प्रशासन उन्हें सर छुपाने के लिए घर और रोजगार की भी व्यवस्था करने के लिए कदम उठाने होगें। यदि प्रशासन ने ऐसे पीड़ित लोगों को चिन्हित कर उनको राहत पहुंचाने का काम किया तो निश्चित ही कई वर्षो तक जिले के तेज तर्रार जिलाधिकारी को लोग भुला नही पायेगे जिस तरह से जिलाधिकारी के निर्देश पर अतिक्रमण अभियान बिना भेदभाव के चलाया जा रहा है उसकी हर तरफ सराहना हो रही है। लेकिन अभी भी तमाम ऐसे सत्तापक्ष के नेताओं एवं धन्नासेठों के मकान और प्रतिष्ठान अभियान से अछूते हैं जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसे लोगों को भी इस अभियान मे एक नजर से देखते हुए कार्यवाही अमल मे लानी चाहिए। क्यांेकि जनता जिलाधिकारी के कार्यों पर पूरा भरोसा कर रही है यदि कुछ चंद लोगों पर कार्यवाही न हुयी तो प्रशासन की कार्यशैली पर लोगों की ऊगलियां उठने लगेगी।

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