डायरेक्टर्स केवल बोल्ड व प्रॉस्टिट्यूट का रोल ऑफर करते हैं: माही गिल

माही गिल ने बॉलिवुड में अपने ऐक्टिंग करियर की शुरुआत ‘खोया-खोया चांद’ से की थी। हालांकि उन्हें पहचान मिली ‘देव डी’ के पारो के किरदार से। इस बीच माही ने ‘गुलाल’, ‘दबंग’, ‘पान सिंह तोमर’, ‘बुलेट राजा’, ‘साहेब बीबी और गैंगस्टर’ जैसी फिल्मों में अपनी अदायगी का जलवा बिखेरा है। इन दिनों माही ‘साहेब बीबी और गैंगस्टर 3’ में अपने किरदार को लेकर चर्चा में हैं। पिछले सीक्वल की तुलना में उनका किरदार ज्यादा बोल्ड और दमदार है। साहेब बीबी और गैंगस्टर के तीसरे सीजन में अब बीबी ग्रो हो गई है। उसकी हरकतें और भी ज्यादा बुरी हो गई हैं। पहले सीजन में उसका किरदार थोड़ा थ्रिलर था, दूसरे सीजन में वह पॉलिटिक्स के दांव-पेच सीखती नजर आती हैं और तीसरे सीजन में तो वह राजनीति सीख चुकी है। इस बार वह ज्यादा खतरनाक और भयावह है।
फिल्म में मेरे तीनों गैंगस्टर ही एक से बढ़कर एक और कमाल के रहे। तीनों ही प्यारे हैं और उनका अपना ऑरा है। जब रणदीप के साथ फिल्म आई थी तो किसी ने नहीं सोचा था कि फिल्म इतनी हिट हो जाएगी। सब कुछ रॉ था, हमें इस फिल्म के भविष्य का कोई अंदाजा नहीं था। फिल्म संयोगवश हिट हो गई। इतनी पसंद आई कि दूसरा भाग बना, जिसमें हमारे साथ इरफान खान जुड़े। इरफान कि बेहतरीन अदायगी तो सभी ने देखी ही है। वहीं जब तीसरा भाग बन रहा था तो किसने सोचा था कि इसमें संजय दत्त होंगे। यह कह सकते हैं कि हमारी फिल्म ग्रो करती चली गई। संजय दत्त जैसे द रियल गैंगस्टर का इससे जुड़ना बड़ी बात है।
मेरे बहुत से फैंस की कंप्लेन है कि मैं फिल्मों में बहुत कम दिखती हूं। ऐसा बिलकुल भी नहीं है कि मैंने फिल्मों से कोई दूरी बना ली है। दरअसल कारण यह है कि मैं जिस तरह के रोल करना चाहती हूं, वैसे रोल बिलकुल भी ऑफर नहीं हो रहे हैं। हर बार डायरेक्टर्स मेरे पास बोल्ड रोल का ऑफर लेकर आते हैं , जिसमें या तो मैं प्रॉस्टिट्यूट या बार गर्ल होती हूं। मैंने इस तरह का रोल कर लिया है। डायरेक्टर्स या राइटर मुझसे फिल्म की स्टोरी नहीं शेयर करते हैं बल्कि यह बताते हैं कि इसमें इतने इंटिमेट सीन्स है या इतने किसिंग सीन्स हैं। मुझे बहुत गुस्सा भी आता है क्योंकि मैं यह नहीं करना चाहती हूं। ऐसा नहीं है कि मुझे बोल्ड फिल्मों से परहेज है, लेकिन जबरदस्ती ठूंसे गए इंटिमेट सीन बिलकुल नहीं करना चाहती। एक ऐक्टर की ख्वाहिश होती है कि वह अलग-अलग तरह के रोल्स करे। मैं भी चाहती हूं कि कॉमिडी या रोमांटिक फिल्में करूं, लेकिन पता नहीं क्यों ऑफर्स नहीं मिलते। शायद लोगों को लगता है कि मैं इंटेंस रोल के ही लायक हूं या फिर मेरी शक्ल ही ऐसी है कि मुझे कुछ और रोल मिलते ही नहीं।
करियर के शुरुआती दौर में ही मैंने पारो और बीबी जैसे इंटेंस व बोल्ड किरदार निभाए हैं,इसलिए टाइपकास्ट हो गई हूं।
मैं खुद को सौभाग्यशाली और लकी मानती हूं कि नॉन फिल्मी बैकग्राउंड होने के बावजूद मैं अपना नाम कमाने में सफल रही हूं। जब चंडीगढ़ में थी, तो जिंदगी में नहीं सोचा था कि ऐक्ट्रेस बनूंगी, अवॉर्ड्स मिलेंगे या इस तरह इंटरव्यू दे रही होऊंगी। जितना मिला है, उससे संतुष्ट हूं। ज्यादा लालच नहीं है इसलिए पैनिक भी नहीं होती हूं। शुरुआत में चांस पाने के लिए बहुत स्ट्रगल किया था लेकिन अब वो नहीं करना पड़ता है। मैं ऐसी लड़की हूं, जो अपने पैरंट्स पर निर्भर नहीं रहती हूं। जो कुछ भी बनाया है, वो खुद की मेहनत का नतीजा है। हां, अब जो स्ट्रगल चल रहा है, वह केवल अच्छे रोल को लेकर है। जब आप अपने करियर की शुरुआत में इतने बेहतरीन व पावरफुल रोल्स कर लेते हो, तो फिर मीडियॉकर रोल के लिए आपका मन राजी नहीं होता। मुझे लगता है अच्छे रोल्स करके मैंने गलती कर ली है(हंसते हुए)। अब तो खुद से ही कॉम्पिटिशन कर रही हूं जो पारो और बीबी जैसे किरदार कर बेंचमार्क बना दिया है उसे अब तोड़ना भी तो है।
मैं संजय दत्त के साथ काम करने को लेकर बिलकुल भी डरी हुई नहीं थी। मुझे वह ऐक्टर के रूप में बहुत पसंद भी हैं। उनकी फिल्म ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ मेरी पसंदीदा फिल्मों में से एक है। सेट पर उनके साथ काम करते वक्त मुझे उनकी सिंपलिसिटी का अंदाजा हुआ। एक किस्सा बताती हूं, मेरे कमर में अचानक से प्रॉब्लम हो गई। दर्द इतना था कि शूटिंग नहीं कर सकती थी। वहीं सेट पर हर कोई पहुंच चुका था और सब डरे हुए थे कि अगर मैं नहीं पहुंची तो फिर क्या होगा? मैं सीधे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर व्हीलचेयर पर सेट पहुंची। वहां संजय सर पहले से मौजूद थे। वह सेट पर मेरा खास ख्याल रखते थे। वह हर रोज आकर पूछते कि माही तू ठीक है न? इतने बड़े ऐक्टर होकर भी वह बेहद नम्र हैं।

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