खागा, फतेहपुर।नफीस जाफरी न्यूज़ वाणी फतेहपुर महेवा-खागा तथा अन्य दूसरे रूटों पर चलने वाली प्राइवेट बसों का संचालन बेहद घाटे का सौंदा साबित हो रहा है। प्रति वर्ष 72 लाख रूपया बतौर यात्री कर अदा करने के बाद भी बस मालिकों को जबरदस्त घाटा उठाना पड़ रहा है। बस मालिकों ने शासन-प्रशसन को पत्र भेजकर रोड़वेज बसों का संचालन बंद कराने की गुहार लगाई है। निजी बस मालिकों ने शासन-प्रशासन को भेजे शिकायती पत्र में बताया कि यात्री कर के रूप मे कौशांबी तथा फतेहपुर जिला प्रशासन को प्रति वर्ष राजस्व अदा किया जाता है। उसके बाद भी परमिट वाली बसों का संचालन सुचारू ढंग से नही कर पा रहे हैं। बताया कि परमिट देने मे विभाग ने कहा था कि इन रूटों पर रोड़वेज बसों का संचालन नही हो रहा है। जबकि बाद के वर्षो मे रोड़वेज बसें चला दी गई। मौजूदा समय मे विभिन्न रूटों पर 20 रोड़वेज बसों का संचालन हो रहा है। खागा-महेवा, खखरेरू-इलाहाबाद, चित्रकूट-कानपुर आदि जगहों तक संचालित रोड़वेज बसें रास्ते मे खड़ी सवारियां लेकर निकल जाती है। जिससे परमिट वाली बसों को बिना सवारी दौड़ाना पड़ता है। बताया कि बीते 24 वर्षों से परमिट वाली बसों का संचालन होता आ रहा है। मोटर मालिक अमर सिंह तथा भानुप्रताप त्रिपाठी ने बताया कि 70 बसों का परमिट होने के बाद विभिन्न रूटों पर बमुश्किल 26 बसें ही चल पा रही है। उनमे भी चालक, परिचालक तथा खलासी की पगार तथा डीजल-मरम्मत खर्च निकाल पाना मुश्किल हो रहा है। मोटर मालिकों ने परमिट वाले रूटों पर रोड़वेज बसों का संचालन रोकने की मांग उठाते हुए आला-अधिकारियों को शिकायत दी है। बस मालिकों ने स्पष्ट किया यदि मामले में जरूरी कार्यवाही जल्द नही होती है तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
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