प्रशासन से पुलिस तक प्रार्थना के बाद भी दंपत्ति न्याय से वंचित।_एहतिशाम बेग

सीतापुर। जनपद सीतापुर के थाना क्षेत्र कमलापुर के अंतर्गत दीक्षित पुरवा मजरा मंगूपुर के रहने वाले अरुण दीक्षित व उनकी पत्नी पुष्पा दीक्षित दंपत्ति अपने मूल निवास को खो देने से बहुत ही निराश असहाय अपने को कमजोर महसूस करते हुए नजर आ रहे हैं। आदमी की पूरी पूंजी उसका मकान होती है ।और अगर किसी का मकान ही छिन जाए तो उसके दिल पर क्या बीतती है यह तो कोई अरुण दीक्षित से ही पूछे प्राप्त जानकारी के मुताबिक दीक्षित का पुरवा मंगूपुर थाना कमलापुर सीतापुर के रहने वाले अरुण दीक्षित का पुश्तैनी मकान गांव में बना हुआ था। मकान में उनका घरेलू सामान भी मौजूद था। अरुण कुमार दीक्षित सपरिवार अपने मकान में ताला डालकर लखनऊ रहने लगे थे। गांव आना जाना कम होने के कारण उनके ही पड़ोसी ने उनके मकान पर कब्जा कर लेने का मामला प्रकाश में आया। सूत्रों की माने तो अरुण कुमार दीक्षित ने स्वयं अपना मकान खड़े होकर बनवाया था ।उसमें सारी गृहस्थी भरी हुई थी ।गैस सिलेंडर चारपाई रजाई गद्दा खाने पीने का सामान एवं नई साइकिल सारी गृहस्थी घर में रखी हुई थी और दबंग लोगों । घर का ताला तोड़कर पुश्तैनी मकान पर कब्जा कर लिया। घर का सारा सामान भी जप्त कर लिया विशेष सूत्रों की मानें तो पुलिस की सांठगांठ से यह सब कार्य कियागया ।बताया जाता है दीक्षित का पुरवा मंगूपुर में कई लोगों से वार्तालाप से पता चला कि पंडित जी का पुश्तैनी मकान वहां पर वाकई था और उनकी जमीन पर सच में कब्जा किया गया है लेकिन अरुण दीक्षित की कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है इसलिए वह दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं अपना पुश्तैनी। मकान छिन जाने से बहुत ही दुखी।हैं कब्जा करने वाले कोई और नहीं उनके पारिवारिक घर वाले ही। मीना दीक्षित पत्नी स्वर्गीय तरुण दीक्षित अंजनी अजीत और अश्विनी दीक्षित हैं जिन्होंने अपनी दबंगई के दम पर दूसरे के मकान पर कब्जा कर लिया है जिससे अरुण कुमार दीक्षित पूरी तरह निराश हो चुके हैं लेकिन उन्होंने अभी हार नहीं मानी है उन्होंने कहा आखिर में जीत सच की होगी किसी भी प्रकार की कोई भी जांच करा ली जाए सभी कहेंगे कि पंडित जी का ही है यह मकान पंडित जी की पत्नी ने इसी अपने गांव के ही मकान पर अपनी दुकान भी खुली थी और हाईस्कूल की मार्कशीट के ऊपर इलाहाबाद बैंक से ऋण भी लिया था जिससे यह साबित होता है कि यह लोग यहीं के रहने वाले थे मकान छिन जाने से पूरे परिवार में दुःख का माहौल है अब देखना यह है कि योगी सरकार क्या अरुण दीक्षित का मकान वापस दिलवा पाएगी ।या फिर दबंग लोग उस पर कब्जा नही। छोड़ेंगे।

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