तपस्वी बाबा की काली करतूत: आश्रम में ही उगाता था भांग, प्रवचन सुनने आईं महिलाओं में एक को छांटकर सेविकाओं द्वारा भांग खिलाकर करता था पाप
आपको बताते चले कि 60 साल के पाखंडी तपस्वी बाबा ने खुद के चारों ओर सेवक-सेविकाओं का घेरा बना रखा था। सेविकाएं ही बाबा के लिए काम करती थी। आश्रम में आने वाली नई महिलाओं पर बाबा की नजर रहती थी। प्रवचन में तपस्वी बाबा महिलाओं की तारीफ करता था। फिर महिलाओं को जाल में फंसाने की पूरी योजना बनाई जाती थी। आश्रम में सारा काम सेविकाएं ही करती थी। बाबा के पास सेवा करने के लिए ले जाती थी। दो-तीन दिन बाद ही भांग का प्रसाद व पकौड़े खिला कर दुष्कर्म किया जाता था। गर्भवती होने पर उनका गर्भपात भी कराया जाता था। भांग की खेती बाबा आश्रम में ही करवाता था।भांकरोटा थाने में दुष्कर्मी बाबा के खिलाफ 4 महिलाओं ने दुष्कर्म का मामला दर्ज करा रखा है। पुलिस ने जांच के बाद बाबा को गिरफ्तार कर लिया है। बाबा फिलहाल जेल में है। बाबा की जमानत याचिका भी खारिज हो चुकी है। पीड़िताओं ने बताया कि आश्रम में बाबा पति-पत्नी को भी अलग रखता था। आपस में मिलने भी नहीं देता था।मुकुंदपुरा में बाबा का आश्रम है। गद्दी पर योगेंद्र मेहता बैठता है। उनका परिवार आश्रम में जाने लगा। उसने पति को बोला कि पूरे परिवार को लाया करों। कुछ समय ठीक चला। फिर वह आश्रम में रुकने के लिए बोलना लगा। बोला सेवा किया करों। मैं तुम्हारा समर्पण भाव देखना चाहता हूं। तब वह चाय व अन्य चीजें बनाने लगी। फिर उसने रात को कमरे में बुलाया। हाथ-पैर दबाने को कहा। वहां पर बाबा ने प्रसाद खिलाया। तब उसने दुष्कर्म किया। डराया-धमकाया। वह डर कर घर आ गई। उसके बाद कई बार डरा-धमका कर दुष्कर्म किया। संस्कार सिखाने के नाम पर आश्रम में बच्चियों को बुलाता था। कई महिलाओं व बच्चियों के साथ भी दुष्कर्म किया। गर्भवती होने पर उन्हें गोलियां देते थे। गर्भपात नहीं होने पर अस्पताल में भी एर्बाशन करवाते थे। उन्हें जान से मारने और बर्बाद करने की धमकी देता था।परिवार की समस्या को लेकर जयपुर से गई थी। सात-आठ दिन आश्रम में रुकने के लिए बोला। फिर बाद में उसने रात को कमरे में बुलाया। वहां पर हाथ-पैर दबवाएं। फिर वह छाती, सिर भी दबवाने लगा। उसने कहा कि तुम्हारा समर्पण भाव देखना चाहता हूं। पीड़िता ने मना कर दिया और नीचे आने लगी। तब बोला कि तुम्हारी परीक्षा ले रहा था। पास नहीं गई तो डराया-धमकाया। तब उसने दुष्कर्म किया। आश्रम में आने वाली महिलाओं पर नजर रखता है। उनकी तारीफ करता है। लक्ष्मीस्वरूपा है, भाग्यशाली है। परिवार की समस्या सुनकर उन्हें आश्रम में रोकता है। उनसे सेवा करने को बोलता है। महिला व एक परिवार के सदस्य को रोक लेता है। दोनों को अलग-अलग ही रखता है। फिर उन्हें रात को कमरे में बुलाता है और दुष्कर्म करता है। उन्हें बर्बाद करने की धमकी देता है।बाबा आस्था के नाम पर लोगों से खिलवाड़ करने लगा। लोगों को डरा-धमकाकर खुद ऐशो आराम का जीवन जीता है। पीड़िता के आर्किटेक्ट पति ने बताया कि लोगों से आस्था के नाम पर लाखों रुपए लिए। बाबा ने सरकारी संपत्ति कब्जा ली है। करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी भी बना ली। बिंदायका की पीड़िता ने बताया कि बाबा छोटी-मोटी बीमारी से लेकर कैंसर के इलाज का भी दावा करता है। कई महिलाओं को डरा-धमकाकर चुप करवा दिया है। 10 बजे के बाद खुद के परिवार को घर भेज देता है और कमरे में अन्य महिलाओं को बुलाता है। हाथ-पैर दबवाकर दुष्कर्म करता है।