सम्पूर्ण क्रांति दिवस पांच जून को : पिनाहट में किसानों ने कृषि कानूनों की प्रतियों को फाड़ कर जताया विरोध_विष्णु शिकरवार
आगरा। पिछले साल पांच जून को केंद्र सरकार द्वारा किसान विरोधी व जन विरोधी तीन कृषि कानून लाए गए थे। कोरोना लॉकडाउन की आड़ में सरकार ने देश की जनता पर तीन कानून थोपे। जिसका किसानों व आम नागरिकों ने खुलकर विरोध किया। इन कृषि कानूनों का बड़े पैमाने पर विरोध हुआ और दिल्ली की सीमाओं पर पिछले छः महीनों से ज्यादा समय से विशाल आंदोलन चल रहा है। सरकार की कॉर्पोरेट पक्षीय मानसिकता और किसानों मजदूरों के शोषण की नीतियां इस आंदोलन ने बेनकाब की है। भाकियू ने पांच जून को “संपूर्ण क्रांति दिवस” मनाया। जिसमें पिनाहट कस्बे के अम्बेडकर चौराहे पर कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर व फाड़कर विरोध प्रदर्शन किया गया। यह विरोध पूर्ण रूप से शांतमयी रहा एवं केंद्र सरकार को सीधी चेतावनी दी कि देश की जनता को यह कानून मंजूर नहीं है। आज इसी क्रम में काले कृषि कानूनों को एक वर्ष पूरा होने पर संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन ने इन काले कानूनों का विरोध किया है। इस मौके पर रामकेश कंसाना, घूरेलाल शर्मा, डॉ जयप्रकाश शर्मा, जगदीश सविता, उमाशंकर सिंह, कुंवर पाल सिंह, पूरन सिंह कार्यक्रम का नेतृत्व तहसील अध्यक्ष विनोद परिहार ने किया।