योगी के गोरखनाथ मंदिर से लगे मुस्लिमों के 11 मकान अधिग्रहित करेगी सरकार, लोगों का आरोपहै कि धमकाकर कराए गए दस्तखत

आपको बताते चले कि गोरखनाथ मंदिर से लगे 11 मुस्लिम परिवारों के मकान खाली करने की तैयारी से यहां नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। प्रशासन का तर्क है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास गोरखनाथ मंदिर से सटे पुराने गोरखनाथ के कुछ मकानों को सुरक्षा की दृष्टि से अधिग्रहण किया जा रहा है। इन मकानों की जगह पुलिस बैरक बनेंगे। लेकिन पेंच ये है कि यह सभी 11 मकान अल्पसंख्यक परिवारों के हैं। इनसे अधिग्रहण के लिए प्रशासन ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भी करा लिया है।भवन स्वामियों ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया है कि प्रशासन माफिया मुख्तार अंसारी और आजम खान पर हुई कार्रवाई का हवाला देकर हमारे मकान खाली कराना चाहता है। हमें जबरिया धमकाकर सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करा लिए हैं। हम लोग सीएम योगी से मिले और बात किए बगैर मकान कतई नहीं छोड़ेंगे। हमें सीएम पर पूरा भरोसा है उन्होंने कहा कि एक-एक ईंट रखकर हमने अपना खून-पसीना बहाकर मकान बनवाया है। इससे हमारे परिवार की बहुत सारी यादें जुड़ी हुई हैं। ऐसे में किसी भी कीमत पर हम मकान खाली नहीं करेंगे। सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले अनवर अली का कहना है कि इसी मकान में हमारी कई पुश्तें रहीं इससे हमारे पूर्वजों की यादें जुड़ी हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने हमें धमकाकर पहले तो सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करा लिए और अब मकान खाली कराना चाहता है।मोहम्मद मुदस्सिर का आरोप है कि 27 अप्रैल को अचानक पुलिस व प्रशासन ने हमारे घर धावा बोल दिया। बिना किसी पूर्व सूचना के घरों की पैमाइश करने लगे और फिर मकान खाली करने के लिए कई तरह के आफर भी दिए। आरोप यह भी है कि प्रशासन ने मकान खाली करने के एवज में ऑफर के साथ धमकी भी दी। बोला कि मुख्तार अंसारी और आजम खान जैसे लोगों को जब सबकुछ छोड़ना पड़ा तो आप लोग क्या हैं।डीएम बोले- कुछ जमीनें मंदिर की हैं बाकी ने सहमति दी हैडीएम के विजेयेंद्र पांडियान ने बताया कि मंदिर से सटे मकानों में कुछ जमीनें मंदिर की हैं। जबकि कुछ अन्य लोगों की। जिसका अधिग्रहण कर यहां सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बैरक बनाए जाएंगे। लेकिन किसी से जबरदस्ती मकान नहीं खाली कराया जा रहा। अधिकांश लोगों ने अपनी स्वेच्छा से सहमति दी है। दो लोगों ने इसका विरोध किया है। वही लोग सहमति पत्र को वायरल कर रहे हैं।डीएम ने बताया कि किसी भी भवन स्वामी के उपर ऐसा कोई दबाव नहीं है कि वह मकान खाली ही करें। अगर वे अपनी स्वेच्छा से जमीन देते हैं तो इसके एवज में उन्हें मुआवजा के साथ कई सरकारी लाभ दिए जाने का प्रावधान है। बावजूद इसके अगर कोई नहीं खाली करना चाहता तो उसके लिए कोई जबरदस्ती नहीं है।आपको बता दें कि बीते 27 अप्रैल को गोरखनाथ मंदिर गेट से सटे रोड पर पोस्ट ऑफिस से लेकर कब्रिस्तान तक के मकान जिला प्रशासन अधिग्रहण कर रहा है। बताया जा रहा है कि यहां मंदिर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बैरक बनाए जाएंगे। जिसके लिए बीते 27 अप्रैल को पुलिस व राजस्व टीम ने इन मकानों की पैमाइश भी की और 11 भवन स्वामियों से एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भी कराया। लेकिन दो अन्य लोगों ने इस पत्र पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया। इसके बाद यह पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा। पत्र के वायरल होते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई। कांग्रेस और सपा ने इसे राजनीतिक रूप देना शुरू कर दिया।

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