मध्यप्रदेश 47 मदरसों द्वारा शिक्षण संचालन से जुड़ी जानकारी न दिए जाने को लेकर मदरसों ने अपनी सफाई पेश की है। आधुनिक शिक्षा मदरसा संचालक संघ ने कहा कि पिछले 6 साल से मदरसों को अनुदान ही नहीं मिला है। ऐसे में शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। उनके सामने आर्थिक +तंगी बनी हुई है। मजबूरी में शिक्षक अन्य कार्य करने को मजबूर है।असगर अंसारी ने कहा कि कोरोना काल में मदरसों का काम प्रभावित रहा। शिक्षकों कीभी स्थिति अच्छी नहीं रही। जिसके कारण मदरसों की जानकारी समय पर विभाग में नहीं दी जा रही है। यदि उन्हें वेतन प्राप्त हो जाता तो शिक्षक फिर से काम में रुचि लेने लगेंगे। शिक्षा विभाग अनुदान को शीघ्र उपलब्ध कराए।गौरतलब है कि सरकार द्वारा मदरसों में पढ़ रहे बच्चों और मदरसों के संचालन से जुड़ी रिपोर्ट मांगी गई है। शिक्षा विभाग के माध्यम से जिले की रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजा जाना है। जिले के 47 मदरसों द्वारा अब तक कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। जबकि इन्हें सूचित करने के बाद भी मदरसा संचालकों द्वारा मोबाइल ही बंद कर दिए गए हैं। जानकारी भेजने की अंतिम तिथि भी अब जा चुकी है। ऐसे में ऐसे मदरसों के खिलाफ जब विभाग ने कार्रवाई करने का निर्णय लिया तो मदरसों द्वारा सफाई पेश की जा रही है। संचालकों की माने तो 100 के आसपास मदरसे चल रहे हैं।इधर सरकार अब कागजों में संचालित मदरसों को लेकर कार्रवाई के मूड में आ गई है। बता दे कि मदरसों के संचालन के नाम पर जमकर घोटाला करने के आरोप लग रहे हैं। शिक्षा विभाग से जुड़े कई कर्मचारी इस मामले में जुड़े हुए है।