हुई सादगी से शादी:एक मंगलसूत्र और चुटकीभर सिंदूर में हुई शादी, दूल्हे ने पहने साधारण कपड़े और दुल्हन ने नहीं किया मेकअप
दमोह।बता दे कि दहेज मुक्त भारत की मुहिम को आगे बढ़ा कर संत रामपाल महाराज के एक शिष्य ने बिना दहेज और बिना चमक-दमक के साधारण तरीके से अपना विवाह कराया। फिजूल खर्च को रोकने के लिए इस विवाह में न दहेज न बैंड बाजा न तिलक और न महेंदी की रश्म हुई। दोनों पक्ष साथ में लोधी भवन पहुंचे और साधारण से मंच पर दूल्हा ने दुल्हन के गले में मंगलसूत्र बांधा और सिर पर सिंदूर लगाकर हमेशा के लिए एक दूसरे को जीवन साथी चुन लिया।दरअसल यह अनोखा विवाह 28 जून 2021 को लोधी भवन में देर शाम 8 बजे सिर्फ 10 मिनट में संपन्न हुआ। इससे पहले ग्वालियर निवासी बैंक कर्मी हेमंत लोधी ने दमोह के चील घाट आनू निवासी राव बहादुर सिंह लोधी की बेटी अर्चना लोधी को पसंद किया था। हेमंत एक निजी बैंक में मैनेजर हैं जबकि अर्चना लोधी एमएससी हैं। दोनों का 28 जून को विवाह तय हुआ था। देर शाम दोनों पक्ष यहां पर पहुंचे। दूल्हा और दुल्हन दोनों साधारण कपड़ों में थे। दुल्हन ने मेकअप तो दूर मेहंदी तक नहीं लगा रखी थी। साधारण से मंच पर दूल्हा हेमंत ने दुल्हन अर्चना के गले में मंगलसूत्र पहनाया और मांग में सिंदूर भरकर अपना लिया।हेमंत संत रामपाल का शिष्य है और गुरु की ओर से शादी विवाह के फिजूल खर्च रोकने के लिए इस तरह की मुहिम चलाई जा रही है। इसी का पालन करते हुए हेमंत ने सादगीपूर्ण तरीके से अर्चना से शादी रचाई। समाज के राहुल लोधी ने बताया कि लोधी जाति में विवाह के दौरान प्रति एकड़ के हिस्सा से दहेज की परंपरा है। यदि लड़के के पास 5 एकड़ जमीन है, तो लड़की वाला 5 लाख रुपए दहेज में देगा।लेकिन इस परंपरा के चालू होने से समाज में उन लोगों को राहत मिलेगी। जिनके पास दहेज में देने के लिए कुछ नहीं है। समाज में यह एक अच्छी पहल हुई है। दूल्हा के मुुताबिक हम दहेज के सख्त विरोधी हैं और हमें दहेज नहीं बल्कि एक संस्कारी पत्नी चाहिए।