यूपी के टड़ियावां थाना क्षेत्र के बहोरवा गांव का रहने वाला विश्वनाथ उर्फ सिमरन पांडेय अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए रोज अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है। यह सिलसिला साल दो साल से नही बल्कि 20 साल से लगा चला आ रहा है और सिस्टम की लापरवाही के कारण दस्तावेज़ में ‘स्वर्गवासी’ खुद को ज़िंदा साबित करने की जद्दोजहद में जुटा हुआ है।टड़ियावां थाना क्षेत्र के बहोरवा गांव के रहने वाले विश्वनाथ उर्फ सिमरन पांडेय का कहना है कि उसके माता पिता दिव्यांग थे। उसकी देखभाल उसकी बुआ ने की और वह काफी समय से हरदोई के एक टेंट हाउस में काम करके अपना पेट भर रहा है।उसके मां बाप की दिव्यांगता का फायदा उठाकर और मौत के बाद उसके ही गांव के कुछ लोगों ने उसको भी कागजों में मृत घोषित कर दिया और उसकी गांव की 13 बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया।आरोप है कि इन लोगों ने फर्जी बैनामा भी करा लिया है।पीड़ित व्यक्ति का कहना है कि वह दफ्तरों के चक्कर काट रहा है कि जिन लोगों ने उसके साथ ऐसा किया है उन पर कार्रवाई की जाए। उसको या तो जमीन वापस दिलाई जाए अन्यथा उस जमीन का पैसा दिलाया जाए।स्वर्गवासी शख्स अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर इस उम्मीद में लगा रहे हैं कि कोई उन्हें कागजों में जिंदा कर दे और उसको उसका हक मिल सके। उप जिलाधिकारी सौरभ दुबे ने बताया मामला संज्ञान में आया है सेक्रटरी के ख़िलाफ़ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।