सबसे ज्यादा दिगाम व नासिका तंत्र को ब्लैक फंगस से खतरा  

यूपी के अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग द्वारा ईएनटी और कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के सहयोग से बुधवार कोब्लैक फंगस के  विषय पर क्लिनिको पैथोलॉजिकल कॉन्फ्रेंस   का आयोजन किया गया। जिसमें ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के अलावा इसके निदान पर चर्चा की गई।ईएनटी विभाग के अध्यक्ष प्रो. मो. आफताब ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद देश में ब्लैक फंगस के मामले बढ़े हैं। इनमें ज्यादातर मरीजों के दिमाग और नासिका तंत्र में संक्रमण हुआ है। जेएनएमसी में आपातकालीन आधार पर ब्लैक फंगस के ऑपरेशन किये जा रहे हैं। प्रो. आफताब ने रोगियों को दिये जाने वाले उपचार और उसके तौर-तरीकों के बारे में बताया। पैथोलॉजी विभाग के प्रो. मो. जसीम हसन और सहायक प्रो. डॉ. रुकैया अफरोज ने रोग के निदान में प्रयोग होने वाली पैथोफिजीयोलॉजी और रूपात्मक पहलू के अलावा चुनौतियों पर चर्चा की। कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के डॉ. सलीम मोहम्मद ने अलीगढ़ तथा देश व दुनिया भर में इस बीमारी के वर्तमान परिदृश्यों के पहलुओं पर प्रकाश डाला। पैथोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. एसएच आरिफ ने सभी का आभार जताया। अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में ब्लैग फंगस के मरीजों की कमी आई है। कॉलेज में अब संक्रमितों की संख्या कम हुई है। कुछ मरीजों की संख्या अब तक 44 पहुंची है, जबकि दम तोड़ने वालों की संख्या तीन है।मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के मरीजों का बेहतर उपचार किया जा रहा है। अभी तक भर्ती कुल संक्रमितों की संख्या 44 है, जबकि दम तोड़ने वाले संक्रमितों की संख्या तीन है।

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