बिहार के भागलपुर में बांका के ग्राम कचहरी ने एक अदभुत निर्णय सुनाया है। लोग इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं। पारिवारिक रिश्ते पर आधारित इस फैसले से ग्राम कचहरी के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ने लगा है। लव मैरिज कर घर आई एक बहू ने सास के साथ मारपीट करनी शुरू की। एक दिन इस मारपीट में सास का हाथ भी तोड़ दिया। बहू व बेटे ने उसे घर से भी निकाल दिया। मामला गांव की पंचायत तक पहुंचा। पंचायत ने बहू को दोषी करार देते हुए जो सजा दी है उसकी चर्चा हो रही है। बांका के शंभूगंज के सरपंच तारकिशोर सिंह ने बहू के साथ बेटे को भी मां को आजीवन भत्ते के रूप में 15 सौ रुपये प्रति माह भरण-पोषण भत्तामामला शंभूगंज के कुर्मा पंचायत के गढ़ी कुर्मा गांव की है। अबोध पासवान ने एक वर्ष पूर्व गांव के ही एक लड़की कल्पना साह से प्रेम विवाह किया है। कल्पना साह का अपनी सास ने विवाद होता रहता है। सास फागुनी देवी के पति बुजूर्ग हैं और बीमारी के कारण काम नहीं कर पाते हैं। वृद्ध फागुनी की कुछ कमाई से ही दोनों को रोटी नसीब हो रही थी। फागुनी की फिर अपने बहू और बेटे से विवाद हो गया। बहू के धक्के से सास फागुनी गिर गई। गिरने के कारण उसका एक हाथ टूट गया। इससे पहले भी बहू लगातार सास सहित अन्य स्वजनों पर अत्याचार कर रहीं थी। आजिज होकर सास न्याय के लिए ग्राम कचहरी पहुंच गई। इसके बाद ग्राम कचहरी ने यह फैसला सुनाया।सभी पंचाें ने इसके लिए बहू को दोषी माना। हाथ टूटने पर सास लाचार हो गई हैं। इसपर सरपंच तारकिशोर सिंह ने बहू के साथ बेटे को मां को आजीवन भत्ते के रूप में 15 सौ रुपये प्रति माह देने की सजा सुनाई है। यह सास के लिए भरण पोषण का भत्ता होगा। साथ ही उन्होंने उनके उपचार का सारा खर्च वहन करने का आदेश दिया है।सास ने अपनी आपबीती जब पंचायत में कही तब सभी की आत्मा पसीज गई। टूटा हाथ लेकर न्याय की गुहार लगा रही सास के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए पंचायत ने जो फैसला सुनाया उसकी पूरे इलाके में प्रशंसा हो रही है लेकिन वो अभी भी बेटे-बहू की ही चिंता लगी है। कहती हैं कि हर मां का सपना होता है कि उसे एक अच्छी बहू मिले जो बेटी की तरह उसकी सेवा करे।
बिहार के भागलपुर में बांका के ग्राम कचहरी ने एक अदभुत निर्णय सुनाया है। लोग इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं। पारिवारिक रिश्ते पर आधारित इस फैसले से ग्राम कचहरी के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ने लगा है। लव मैरिज कर घर आई एक बहू ने सास के साथ मारपीट करनी शुरू की। एक दिन इस मारपीट में सास का हाथ भी तोड़ दिया। बहू व बेटे ने उसे घर से भी निकाल दिया। मामला गांव की पंचायत तक पहुंचा। पंचायत ने बहू को दोषी करार देते हुए जो सजा दी है उसकी चर्चा हो रही है। बांका के शंभूगंज के सरपंच तारकिशोर सिंह ने बहू के साथ बेटे को भी मां को आजीवन भत्ते के रूप में 15 सौ रुपये प्रति माह भरण-पोषण भत्तामामला शंभूगंज के कुर्मा पंचायत के गढ़ी कुर्मा गांव की है। अबोध पासवान ने एक वर्ष पूर्व गांव के ही एक लड़की कल्पना साह से प्रेम विवाह किया है। कल्पना साह का अपनी सास ने विवाद होता रहता है। सास फागुनी देवी के पति बुजूर्ग हैं और बीमारी के कारण काम नहीं कर पाते हैं। वृद्ध फागुनी की कुछ कमाई से ही दोनों को रोटी नसीब हो रही थी। फागुनी की फिर अपने बहू और बेटे से विवाद हो गया। बहू के धक्के से सास फागुनी गिर गई। गिरने के कारण उसका एक हाथ टूट गया। इससे पहले भी बहू लगातार सास सहित अन्य स्वजनों पर अत्याचार कर रहीं थी। आजिज होकर सास न्याय के लिए ग्राम कचहरी पहुंच गई। इसके बाद ग्राम कचहरी ने यह फैसला सुनाया।सभी पंचाें ने इसके लिए बहू को दोषी माना। हाथ टूटने पर सास लाचार हो गई हैं। इसपर सरपंच तारकिशोर सिंह ने बहू के साथ बेटे को मां को आजीवन भत्ते के रूप में 15 सौ रुपये प्रति माह देने की सजा सुनाई है। यह सास के लिए भरण पोषण का भत्ता होगा। साथ ही उन्होंने उनके उपचार का सारा खर्च वहन करने का आदेश दिया है।सास ने अपनी आपबीती जब पंचायत में कही तब सभी की आत्मा पसीज गई। टूटा हाथ लेकर न्याय की गुहार लगा रही सास के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए पंचायत ने जो फैसला सुनाया उसकी पूरे इलाके में प्रशंसा हो रही है लेकिन वो अभी भी बेटे-बहू की ही चिंता लगी है। कहती हैं कि हर मां का सपना होता है कि उसे एक अच्छी बहू मिले जो बेटी की तरह उसकी सेवा करे।