शिक्षक की शर्मनाक हरकत :9वीं क्लास की छात्रा का नंबर मांग अश्लील हरकत करने की इच्छा जताई, शिकायत करने पर मां,भाई और लड़की को स्कूल से निकाला
उत्तर प्रदेश के आगरा में एक शिक्षण संस्थान में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां के एक शिक्षक पर आरोप है कि उसने बीकॉम के छात्र से 9वीं में पढ़ने वाली नाबालिग लड़की का मोबाइल मांगा। उसके बाद लड़की के साथ अश्लील हरकत करने की इच्छा जताई।इस काम के लिए उसने लड़के से मदद भी मांगी। बातचीत का चैट सामने आने के बाद शिक्षण संस्थान ने उल्टा नाबालिग और उसकी मां व भाई को ही सस्पेंड कर दिया।पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। वहीं इस मामले में समाजसेवी नरेश पारस ने उक्त नाबालिग को न्याय दिलाने के लिए महिला आयोग और बाल आयोग समेत कई जगह शिकायत की है।जानकारी के मुताबिक थाना न्यू आगरा क्षेत्र के एक बड़े धार्मिक संगठन द्वारा संचालित शिक्षण संस्थान के एक शिक्षक ने अपने संस्थान के एक बीकॉम के छात्र को संस्थान के ही इंटर कालेज की छात्रा के साथ अश्लील हरकत करने की इच्छा जताई। साथ ही उसके बारें में गंदी बातें भी की।छात्र ने शिक्षक की बात मानते हुए छात्रा की सहेली से नजदीकियां बढ़ाईं और उसको शिक्षक का मैसेज दिखाकर पूरी बात बताई। फिर उसकी दोस्त ने ये बात जाकर अपनी सहेली को बता दी। छात्रा को जब पूरी बात पता चली तो उसने अपनी मां से शिकायत की और उसकी दोस्त से बातचीत बंद कर दी।पीड़िता की मां उसी के स्कूल में अवैतनिक पद पर बतौर टीचर कार्यरत हैं। उन्होंने शिक्षण संस्थान में शिकायत की। आरोप है कि पीड़िता की मां को उल्टे धमकी दी गई। उसकी मां भाई और सहेली को कॉलेज से निष्कासित कर दिया।पीड़िता ने इस संबंध में न्यू आगरा में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने 6 जनवरी को मुकदमा दर्ज कर लिया। आरोप है कि उसने नियमानुसार इसमें पाक्सो एक्ट तथा अन्य धाराएं नहीं लगाईं। पीड़िता द्वारा तहरीर में दिए गये संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारियों का नाम भी हटा दिया गया।पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में महिला थाना वूमेन पॉवर लाइन समेत तमाम जगह शिकायतें की लेकिन उन्हें कहीं से भी न्याय नहीं मिला। उन्हें लगातार धमकियां दी जा रही है। पीड़िता मानसिक रूप से बीमार हो गई है। उसका मनोचिकित्सक से इलाज चल रहा है।पीड़िता की मां ने चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट एवं महफूज संस्था के समन्वयक नरेश पारस ने मदद मांगी। नरेश पारस ने एडीजी महिला एवं बाल संगठन, एसएसपी महिला आयोग तथा बाल आयोग को पत्र भेजा है। उन्होंने मांग की है कि प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए। पाक्सो तथा अन्य संबंधित धाराएं बढ़ाकर न्यायलय में आरोप पत्र दाखिल कराया जाए। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।इसके अलावा उन्होंने पीड़िता द्वारा तहरीर में दिए सभी आरोपियों के नाम इस केस में शामिल करने, उसे और उसके भाई को कालेज में फिर से प्रवेश दिलाने और मां को प्रवक्ता पद पर बहाल करने की मांग की है।