बता दे कि सोमवार से संसद का माॅनसून सत्र शुरू होगा। कोरोना की दूसरी लहर के बाद हो रहे इस पहले सत्र में 20 बैठकें होंगी। यह बैठक 13 अगस्त तक चलने की संभावना है। इस सत्र में सरकार 17 नए विधेयक ला रही है। वह उन्हें पारित कराने की पूरी कोशिश करेगी। वहीं विपक्ष भी किसान कोरोना और रक्षा सेवाओं में हड़ताल को अपराध घोषित करने संबंधी अध्यादेश पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।इस सत्र से पहले लोकसभा के 444 और राज्य सभा के 218 सदस्यों सहित 200 से अधिक कर्मचारियों को कोरोना टीका लगाया जा चुका है। इसके अलावा सत्र के दौरान भी कोरोना संबंधी ऐहतियातों का सख्ती से पालन किया जाएगा।हाल ही में केंद्रीय मंत्रिपरिषद के विस्तार के बाद हो रहे इस सत्र में नए मंत्रियों की पहली परीक्षा होगी। इसमें शिक्षा के मुद्दे पर धर्मेंद्र प्रधान स्वास्थ्य पर मनसुख मांडविया, पेट्रोलियम की कीमतों पर हरदीप सिंह पुरी विपक्ष का सामना करेंगे। जबकि सोशल मीडिया संबंधी मुद्दों पर अनुराग ठाकुर को नए मंत्रालय संभालते ही टेढ़े सवालों के जवाब देने की तैयारी करनी है।
क्या है सरकार की तैयारी
संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार इस सत्र में लाए जा रहे 17 विधेयकों में दो अध्यादेशों के स्थान पर लाए जाने हैं। यानी 15 विधेयक नए हैं। जबकि दो अध्यादेश के जरिए लागू हो चुके हैं। छह विधेयक संसद में पहले से लंबित हैं। कुल मिलाकर 23 विधेयक विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किए गए हैं।
क्या है विपक्ष की तैयारी
विपक्ष सरकार को किसान, कोरोना और रक्षा सेवाओं में हड़ताल को अपराध घोषित करने संबंधी अध्यादेश पर घेरने के लिए तैयार है। असम और यूपी में जनसंख्या नीति पर भी केंद्र को सवालों के घेरे में खड़ा करने की तैयारी है। अनिवार्य रक्षा सेवा अध्यादेश के स्थान पर लाए जाने विधेयक पर सरकार को तीखे विरोध का सामना करना पड़ सकता है।आरएसएस से जुड़ा भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ भी इसके विरोध में है। विधेयक में रक्षा प्रतिष्ठानों में हड़ताल, लॉकआउट आदि को अपराध घोषित करने का प्रावधान है। हड़ताल के लिए उकसाने वाले को एक साल की जेल व 10 हजार रु. जुर्माना भरना पड़ेगा।
जाने क्या है किसानों की तैयारी
मानसून सत्र के दौरान तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ महीनों से धरना दे रहे किसान भी प्रदर्शन करेंगे। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का ने कहा कि सिंघु बॉर्डर से 200 किसान संसद जाएंगे। प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा।सभी किसानों को पहचान के लिए बिल्ले दिए जाएंगे। पुलिस को भी इनके आधार और मोबाइल नंबर दिए गए हैं। पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों की संख्या कम करने का आग्रह किया था। लेेकिन किसान नेताओं ने इंकार कर दिया। सोमवार को पुलिस की इस पर प्रतिक्रिया के बाद प्रदर्शन का समय तय किया जाएगा।
मानसून सत्र की शुरुआत से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 33 राजनीतिक दलों के नेता मौजूद रहे। बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा, जनता के प्रतिनिधियों, खासकर विपक्ष के सुझावों से बहस समृद्ध होती है। वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा ‘सरकार संसद में विभिन्न मुद्दों पर स्वस्थ और सार्थक बहस के लिए तैयार है।