घर में खेल रहे बच्चे पर खूंखार नस्ल के डॉग का हमला, हाथ, पैर और चेहरे पर कई जगह काटा, मां की चीख सुनकर पड़ाेसियों ने बचाया
राजिस्थान के जयपुर में पिट बुल नस्ल केएक खूखार पालतू कुत्ते ने सोमवार को एक 11 साल के मासूम बच्चे पर हमला कर दिया। उसे कई जगह से नोचा । लहूलुहान हालत में बच्चा जान बचाने के लिए इधर-उधर भागा पर कुत्ते के जबड़ों और नुकीले दातों से बच नहीं सका। आखिरकार बच्चे की मां की चीख सुनकर पड़ोसी दौड़े और खूंखार कुत्ते से बच्चे को बचाया। मासूम के पैर और सिर की चमड़ी बाहर आ गई है। आनन-फानन उसे निजी अस्पताल ले जाया गया जहां से एसएमएस के ट्रॉमा अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। वहां से उसे फिर निजी अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज चल रहा है।
घटना के बाद पड़ोस में रहने वाले भीमराज जाखड़ ने कुत्ते के मालिक और उनकी देखरेख करने वाले उनके रिश्तेदार के खिलाफ चित्रकूट थाने में शिकायत दर्ज कराई है।जानकारी के अनुसार, यह हादसा अजमेर रोड पर टैगोर नगर मेहुआ। यहां रहने वाले दुर्गेश हाड़ा का प्लॉट है। वे पिटबुल नस्ल का डॉग पालते हैं। उनके यहां जगदीश मीणा अपने परिवार के साथ किराए से रहते हैं। वह बागवानी का काम भी करते हैं। सोमवार सुबह करीब 10:30 बजे जगदीश का बेटा विशाल मीणा घर में था। तभी गार्डन में बंधा हुए पिट बुल डॉग की चेन खुल गई। इसके बाद डॉग घर में खेल रहे विशाल पर हमला बोल दिया। तब विशाल अकेला था। उसे कई जगह से नोंच खाया। भागते हुए बच्चा सड़क की ओर आया। फिर भी कुत्ते ने नहीं छोड़ा। विशाल की चीख सुनकर उसकी मां भी आ गई। वह भी मदद के लिए चिल्लाने लगी। इसके बाद आस पड़ोस के कुछ लोग मदद के लिए आए। लाठी-डंडों की मदद से कुत्ते के जबड़े से विशाल को बचाया।
तब तक विशाल काफी ज्यादा जख्मी हो गया था। उसके हाथ पैर, सिर और चेहरे पर 20 गहरे घाव हो गए हैं।पिट बुल को दुनिया में सबसे ज्यादा आक्रामक व खतरनाक कुत्तों की नस्ल में गिना जाता है। कई देशों में पिट बुल प्रजाति के कुत्ते को रिहायशी इलाकों में पालने पर भी प्रतिबंध है। इस प्रजाति के कुत्ते की खासियत यह है कि शिकार पकड़ने के बाद जबड़ा लॉक कर लेता है। इससे छुड़ाना आसान नहीं होता। अमेरिका सहित कई अन्य देशों में पिट बुल को पाला जाता है, लेकिन इनके आक्रामकता को रोकने के लिए बेहतर ट्रेनिंग की जरूरत होती है।