गोरखपुर के गीडा इलाके के पास सोमवार को एक युवती की ट्रेन से कटकर मौत हो गई। मृतका की मां ने गीडा थाने पर पहले तैनात रहे एक दरोगा नरेंद्र चौधरी पर हत्या का आरोप लगाया है। मां का कहना है कि दरोगा ने ही बेटी को बुलाया था और फिर उसने अपने साथियों के साथ मिलकर उसे ट्रेन के आगे फेंक दिया। आरोप है कि दरोगा ने पहले भी युवती के अपहरण की कोशिश की थी। इस मामले में दरोगा जेल भी जा चुका है। कुछ समय से वह जमानत पर था।
गीडा के गाहासाड़ के रामजीतवा टोला निवासी दिनेश प्रसाद की 18 वर्षीय पुत्री सुषमा उर्फ गोलू सोमवार की दोपहर में अपनी दो छोटी बहनों के साथ घर से निकली। कुछ देर के बाद दोनों बच्चियां घर पहुंची और सुषमा की ट्रेन से कटकर मौत होने की जानकारी दी। मौके पर पहुंचे परिवारीजनों ने देखा कि युवती का एक पैर घुटने से नीचे का गायब हैं। जबकि कुछ दूरी पर पंजा पड़ा है। सुषमा पांच बहन व एक भाई में सबसे बड़ी थी।
सुषमा की मां का आरोप है कि 28 अप्रैल 2020 को युवती को एक दरोगा छेड़खानी करने के साथ ही जबरन गाड़ी में बैठा कर ले जा रहा था। ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया था। केस दर्ज हुआ था। परिवार के लोगों का आरोप है कि नाराज दरोगा अपने तीन साथियों के साथ गाहासाड़ पहुंचा और युवती को रेलवे लाइन पर बुलाया। ट्रेन के आते ही उसने आरोपित युवती को ट्रेन के सामने फेंका और फरार हो गया।एसएसआई गीडा संतोष सिंह ने कहा कि मालगाड़ी के ड्राइवर ने एक युवती के ट्रेन के सामने कूदकर मरने का मेमो दिया है। मेमो के आधार पर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है। मृतका के परिवार का आरोप गलत है। हालांकि अभी कोई तहरीर नहीं मिली है।
गाहासाड़ की रहने वाली युवती ने 28 अप्रैल 2020 को आरोप लगाया था कि गीडा थाने पर तैनात रहा दरोगा नरेंद्र चौधरी अपने साथी के साथ छेड़खानी की और जबरन गाड़ी में बैठाने का प्रयास किया। उस दौरान दरोगा को पीट कर पुलिस को सौंप दिया गया।