पुलिस की बड़ी लापरवाही से गोरखपुर BJP नेता की मां और बेटे की हत्या 6 साल की मासूम बच्ची से छोटा भाई छीनकर हत्यारों ने काट दी गर्दन

यूपी  के गोरखपुर जिले में मंगलवार की रात तेनुवा गांव में जिसने भी भाजपा नेता की मां और मासूम बेटे की हत्या देखी वह दहल उठा। मामूली से विवाद और घर पर पुलिस आने से भाजपा नेता परशुराम शुक्ला के पट्टीदार सीताराम शुक्ला और उसका परिवार इतना उग्र हो गया कि उनके सिर पर सिर्फ खून सवार था।घटना के वक्त घर पर सिर्फ उनकी बूढ़ी मां विमला देवी पत्नी और दो बच्चे थे। घर में किसी पुरुष के न होते भी पट्टीदारों ने परशुराम के परिवार पर हमला बोल दिया। कुदाल और फावड़े से पहले तो हमलावरों ने 75 वर्षीय बुजुर्ग परशुराम की मां विमला देवी पर हमला कर दिया। दादी को खून से लथपथ देख वहां परशुराम के दो छोटे मासूम बच्चों के होश उड़ गए।

बच्ची के चेहरे पर एकलौते भाई की मौत का खौफ
उनकी 6 वर्षीय बेटी को यह एहसास हो गया कि हमलावर शायद उनकी भी जान ले लेंगे। उसने अपने दो साल के एकलौते मासूम भाई को गोद में ले लिया और वहां से भागने लगी। लेकिन हत्यारों के सिर पर ऐसा खून सवार था कि उन्होंने बच्ची की गोद से उसके मासूम भाई रौनक को छिनकर उसकी गर्दन काट दी और बच्ची को भी मारकर घायल कर दिया। गनीमत रहा कि बच्ची की जान बच गई। इस बीच अपने दो मासूम बच्चों को खून से लथपथ देख परशुराम की पत्नी सुषमा भी उस तरफ दौड़ पड़ीं। हमलावरों ने उनपर भी हमला बोल दिया और उन्हें भी मारकर बुरी तरह घायल कर दिया। पत्नी सुषमा और बेटी को गंभीर हालत में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

भाजपा नेता परशुराम शुक्ला का उनके पट्टीदार सीताराम शुक्ला से छत से पानी गिरने को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। जिसे लेकर सीताराम ने परशुराम के दरवाजे पर पक्की नाली बनवानी शुरू कर दी थी। इसकी शिकायत परशुराम ने थाने में की। मगर पुलिस से कोई मदद न मिली। पुलिसवालों ने कहा कि यह राजस्व का मामला है, इसलिए वे लोग कुछ नहीं कर पाएंगे। उसके बाद परशुराम शुक्ला ने जनसुनवाई-समाधान पोर्टल पर शिकायत की। आईजीआरएस की शिकायत पर मंगलवार की शाम मुआयना करने पहुंची पुलिस देख सीताराम और उसके परिवार के लोग भड़क गए। इसके बाद उन्होंने परशुराम की मां और बेटे की बेरहमी से हत्या कर दी। ऐसे में अगर परशुराम की शिकायत पर पुलिस ने मदद की होती तो आज एक बुजुर्ग और एक मासूम बेमौत नहीं मारे जाते।

हत्या के बाद गांव में कहा तो यह भी जा रहा है कि मंगलवार की शाम मुआयना करने गांव में पुलिस के पहुंचने के बाद ही सीताराम का परिवार उग्र हो गया। पहले तो पुलिस वाले परशुराम के घर गए। उनकी बुजुर्ग मां ने कहा कि अभी घर पर कोई पुरुष नहीं है लेकिन उन्होंने पुलिस वालों को समस्या बताई। आरोप है कि इसके बाद पुलिस वालों ने उन्हें डपट दिया। कहा कि जब घर में कोई पुरुष ही नहीं है तो तुम लोगों से क्या बात करना? इसके बाद पुलिस सीताराम के प​रिवार से बातचीत करने लगी। पुलिस के लौटते ही सीताराम और उसके परिवार के लोग इतने उग्र हो गए कि उन्होंने परशुराम के परिवार पर हमला बोल दिया और दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया।

पूरे परिवार को उतारना चाहते थे   मौत के घाट 
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मुआयना करने आए पुलिस वालों ने परशुराम के परिवार का जरा भी समर्थन नहीं किया बल्कि वे उनके खिलाफ ही बोल रहे थे। आरोप है कि पुलिस वालों के उकसाने के बाद ही हमलावर उग्र हो गए और उनके वहां से जाते ही उन्होंने हमला बोल दिया। हमलावरों का यह उग्र रुप देख वहां मौजूद हर कोई कांप उठा। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सीताराम और उसके परिवार के सिर पर ऐसा खून सवार था कि वह परशुराम के पूरे परिवार को मौत के घाट उतारना चाहते थे। लेकिन मां और बेटे की हत्या के बाद वहां गांव वालों की भीड़ जुटने लगी। खुद को भीड़ से घिरता देख हमलावर वहां से भाग निकले।

उधर, भाजपा किसान मोर्चा के जिला कार्यकारिणी सदस्य परशुराम शुक्ला पंजाब वारदात के वक्त पंजाब में थे। सूचना मिलते ही वे वहां से चल दिए हैं। उम्मीद है सुबह तक वह गोरखपुर आ जाएंगे। फिलहाल परिवार में पुलिस को कोई तहरीर देने वाला भी नहीं है। परशुराम के आने के बाद तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया जाएगा।

 पूरी रात तलाशी में लगी पुलिस 
वारदात के बाद आरोपी सीताराम घर छोड़कर फरार है। पुलिस ने उसकी मां को हिरासत में ले लिया है। मौके पर पहुंचे एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि हरपुर बुदहट के साथ ही खजनी और सहजनवा थाने की पुलिस को आरोपी सीताराम की गिरफ्तारी के लिए सर्च ऑपरेशन में लगाया गया है। पुलिस टीमें आसपास के पूरे इलाके में पूरी तक उसकी तलाश में लगी हैं।

पानी और नाली के विवाद में बच्चे और उसकी दादी की हत्या की बात सामने आई है। आरोपित सीताराम की तलाश में टीमें लगी हैं। पुलिस को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है। अगर हत्यारे पकड़े नहीं गए तो कार्रवाई होगी। यह विवाद कब से चल रहा है और इस मामले में पुलिस की क्या भूमिका रही है? इसकी भी जांच कराई जा रही है। जांच में अगर पुलिसकर्मी दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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