अब कोरोना वैक्सीन को लेकर भारत में एक अच्छी खबर आई है । जल्द ही मिल सकती हैं तीन और वैक्सीन भारत को। इसके लिए जानवरों पर क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया जा चुका है। ये ट्रॉयल गुड़गांव फरीदाबाद रोड स्थित भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योिगकी मंत्रालय के स्वायत्त संस्थान ट्रांसलेशन स्वास्थ्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में किया जा रहा है। संस्थान के डायरेक्टर प्रोफेसर प्रमोद गर्ग का दावा है कि आने वाले समय में कोरोना को हराने के लिए और भी वैक्सीन आ सकती हैं। कई चरणों में इसके क्लीनिकल ट्रॉयल पूरे होने के बाद मंजूरी के लिए आगे भेजा जाएगा।
प्रो. गर्ग ने बताया कि कोविड 19 के शुरूआती दौर से ही संस्थान के मेडिकल रिसर्च और वैज्ञानिकों ने अपना काम करना शुरू कर दिया था। जब देश में आरटीपीसीआर टेस्ट की की जरूरत हुई तो फरीदाबाद के ईएसआई मेडिकल कॉलेज में न केवल लैब स्थापित करने में मदद की बल्कि मेडिकल स्टाफ को लैब के अंदर कोरोना का टेस्ट करने की भी ट्रेनिंग दी गई। इसके अलावा चलती फिरती कोरोना टेस्टिंग के लिए आई लैब को संस्थान ने बनाकर फील्ड में उतारा जिससे अभी तक टेस्ट किए जा रहे हैं।
हो रहा है स्पूतनिक वैक्सीन का भी ट्रॉयल
प्रो. गर्ग ने बताया कि रूस में विकसित वैक्सीन स्पूतनिक की भारत में इमरजेंसी प्रयोग की मंजूरी दी गई है। जिसका संस्थान में भारतीय लोगों पर पड़ने वाले प्रभाव का ट्रायल किया जा रहा है। जिन लोगों को स्पूतनिक वैक्सीन लगाई जा रही है, उनका भी रिकार्ड रखा जा रहा है। ताकि जरूरत पड़ने पर उसका अध्ययन किया जा सके।
इनफ्लूएंजा पर भी किया जा रहा है रिसर्च
उन्होंने बताया कि ये संस्थान कई मेडिकल संस्थान और कंपनियों के साथ मिलकर इनफ्लूएंजा पर शोध किया जा रहा है। जिसमें तीन के परिणाम आ चुके हैं। लेकिन अभी ऑन गोइंग प्रक्रिया के चलते सही परिणाम आने में वक्त लगेगा। प्रेसवार्ता में प्रो. सिंजनी भटनागर व एडमिन हेड एमबी सेंटो मौजूद रहे।