मोहर्रम के जुलूस के लिए यूपी पुलिस की गाइडलाइन: मास्क जुलूस में शामिल होने वालों को पहनना जरूरी, ड्रोन से होगी निगरानी,और पढ़िए और क्या-क्या जरूरी
मोहर्रम को लेकर उत्तर प्रदेश में पुलिस महानिदेशक ने गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक धार्मिक और साम्प्रदायिक विवाद के नए और पुराने मामलों का अध्ययन कर पुलिस इनसे जुड़े लोगों को पहले ही चिह्नित कर ले। भीड़ में महिलाओं की सुरक्षा, गौवंश वध आदि पर कड़ी नजर रखी जाए। मोहर्रम के अवसर पर सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वालो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
मोहर्रम के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए DGP मुकुल गोयल ने सभी जिलों के पुलिस कमिश्नर, एसएसपी और एसपी को कड़े निर्देश दिए हैं। सुरक्षा के दृष्टिगत उन्होंने रविवार को गाइडलाइन जारी की है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत गृह मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन के निर्देशों के अनुरूप सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क पहनने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। इसका उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो।
10 अगस्त से शुरू होकर 19 अगस्त तक चलेगा मोहर्रम
चन्द्र दर्शन के अनुसार इस साल मोहर्रम 10 अगस्त से शुरू होकर 19 अगस्त को समाप्त होगा। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक पहले महीने का नाम ‘मुहर्रम’ है। इसी महीने की 10 वीं तारीख को इमाम हुसैन की शहादत हुई थी और शिया मुसलमान कर्बला की याद में मातम करते हैं। इस्लामिक मान्यता के अनुसार, करीब 1400 साल पहले कर्बला की जंग हुई थी, जिसमें पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों को शहीद कर दिया गया था। मोहर्रम को गम का महीना भी कहते हैं। 7वीं, 8वीं, 9वीं और 10वीं मोहर्रम को इमाम चौक पर ताजिये रखे जाते हैं और अलम का जुलूस निकालकर मातम किया जाता है।
मोहर्रम के लिए DGP के निर्देश
- मोहर्रम के अवसर पर कोरोना महामारी संक्रमण के दृष्टिगत कोविड नियमों का उलंघन कर किसी प्रकार के जुलूस ताजिया न निकलने दिया जाए। धर्म गुरूओं से संवाद कर कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का अनुपालन कराया जाय।
- अभी तक जिन-जिन स्थानों पर किसी प्रकार का विवाद सामने आया हो वहाँ पुलिस और राजस्व विभाग के राजपत्रित अधिकारियों द्वारा अभी से स्थिति का जायजा ले लिया जाय। विवाद को सुलझाने और संवेदनशीलता को दूर करने के लिये कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।
- थानों पर उपलब्ध त्यौहार रजिस्टर और रजिस्टर नं-8 में दर्ज मामलों का अध्ययन कर लिया जाय। जुलूस के नये रास्ते या नई परम्परा की अनुमति न दी जाय। असामाजिक, साम्प्रदायिक तत्वों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई शुरू कर दी जाए।
- अधिकारी अधीनस्थ कर्मचारियों को निर्देश दे कि वे अपने बीट में जाकर सभी प्रकार के विवाद आदि की जॉच कर लें। वरिष्ठ अधिकारी मौकों पर जाकर विवाद को समय रहते हल कर लें। आवश्यकतानुसार विवाद के स्थलों, मार्गों का भ्रमण जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक, उप जिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी द्वारा भी कर लिया जाय।
- थानाध्यक्षों, क्षेत्राधिकारियों को यह स्पष्ट निर्देश दिये गए हैं कि छोटी से छोटी घटना को गम्भीरता से लें तत्काल घटनास्थल का निरीक्षण करें। पीस कमेटी की मीटिंग कराते हुए सभी सामाजिक व धर्म गुरुओं से व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग लिया जाय।
- संवेदनशील, साम्प्रदायिक और कन्टेनमेन्ट जोन में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की जाय। त्यौहारों पर सार्वजनिक स्थल, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन और संवेदनशील व धार्मिक स्थानों पर चेकिंग कराई जाय। सघन जाँच एवं तलाशी की व्यवस्था के लिये आतंकवादी निरोधक दस्ता एवं बम निरोधक दल की तैनाती सुनिश्चित की जाय।
- यातायात किसी भी हालत में न बाधित होने पाये। बैरियर एवं पुलिस चेक पोस्ट लगाकर संदिग्ध वाहनों की चेकिंग कराई जाय। मोटर वाहन अधिनियम के नियमों का पालन सख्ती से किया जाय।
- बिजली, पेयजल एवं साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाय। मुख्य चिकित्साधिकारी से सम्पर्क कर सरकारी अस्पतालों को तैयारी हालत में रखा जाय। डॉक्टर तथा पैरा मेडिकल स्टॉफ की ड्यूटी राउण्ड द क्लॉक लगवाई जाए।
- अफवाह फैलाने वालों पर विशेष ध्यान दिया जाय। सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी दशा में शस्त्रों का प्रदर्शन न हो एवं अवैध शस्त्रों को लेकर चलने वालों के विरूद्ध कड़ी विधिक कार्यवाही की जाय।
- भीड़ में महिलाओं के साथ छेड़खानी की घटनायें न हो इसके लिये पर्याप्त संख्या में सादी वर्दी में पुरूष एवं महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती की जाय।
- शहरों, कस्बों तथा मोहल्लों में पूर्व में गठित शान्ति समितियों की बैठक आयोजित कर सम्भ्रान्त नागरिकों, शान्ति समितियों के सदस्यों का सक्रिय सहयोग लिया जाय।
- जनपद मुख्यालय पर पर्याप्त संख्या में पुलिस, पीएसी बल रिजर्व में रखा जाय। आकस्मिक घटना को को ध्यान रखते में हुये अभी से एक योजना तैयार कर उसका रिहर्सल भी करा लिया जाय। भीड़ नियंत्रण, दंगा नियंत्रण से सम्बन्धित उपकरणों को तैयारी की हालत में रखा जाय। हेलमेट, बॉडी प्रोटेक्टर आदि की व्यवस्था रखी जाय।
- लोकल इंटेलिजेंस यूनिट के अधिकारियों, कर्मचारियों को सतर्क कर दिया जाय। एलआईयू की हर सूचना पर तत्काल कार्रवाई की जाए।
- सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए संवेदनशील स्थानों, चौराहों को चिन्हित कर लिया जाए। संवेदनशील स्थलों को चिन्हित कर उन स्थानों पर रिजर्व पुलिस बल तैनात किया जाए।
- ड्रोन कैमरे से निगरानी रखी जाये। सोशल मीडिया की राउण्ड द क्लॉक मॉनिटरिंग की जाये। सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर एवं व्हाट्सएप आदि पर नजर रखते हुए भ्रामक, आपत्तिजनक पोस्ट प्रसारित होते ही उसे ब्लॉक करते हुए सम्बन्धित के खिलाफ कारवाई की जाए।