एमपीडब्ल्यू ने नियुक्ति की मांग को लेकर   महानिदेशालय में किया घेराव -आसिफ

निवेदन के साथ अवगत कराना है कि एन०एच०एम० द्वारा वर्ष 2011-12 में भारत सरकार के मेमोरेण्डम दिनांक 03-01-2011 के आधार पर लगभग 3500संविदाएम०पी०डब्लू० ह रिस्क एरिया में संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिये नियुक्त किये गये थे। हम लोगों का चयन विज्ञापन के माध्यम से जनपदीय स्वास्थ्य समिति द्वारा मेरिट के आधार पर किया गया तथा नियुक्ति उपरान्त विभाग में 3 वर्षों तक कार्य किया। साथ ही भारत सरकार द्वारा स्पष्ट किया गया था कि उक्त योजना 3 वर्ष की है। राज्य सरकार हम संविदा कर्मियों की निरन्तरता बनाये रखने के लिए इन्हीं ३ वर्षों में विभागीय रिक्त पदों अथवा पदों का सृजन कर इनकी तैनाती आगे भी कर सकती है। हम प्राचीगण माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में अभी भी कार्यरत है, परन्तु विभाग द्वारा मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसी के साथ वर्ष 2019-20 में आयुष्मान योजना के अन्तर्गत हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर लगभग 2500 एम0पी0डब्लू0 के पद सृजित किये गये जिनकी योग्यता इण्टरमीडिएट के साथ एक वर्षीय प्रशिक्षण निर्धारित किया गया। हम सभी एम०पी०डब्लू० की शैक्षिक योग्यता इण्टरमीडिएट है एवं जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से चयनित हैं, परन्तु तत्समय विभाग द्वारा एम०पी०डब्लू० गाइड लाइन 2010 में निर्धारित एक वर्षीय प्रशिक्षण के स्थान पर मात्र 10 दिवसीय प्रशिक्षण कराया गया जो नियमोचित नहीं था, यह विभागीय लापरवाही है, अन्यथा की स्थिति में आज हम सभी हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता पुरुष के पदों पर कार्य करने हेतु पात्र होते।हम प्राथगण अपने प्रशिक्षण हेतु वर्ष 2014 से प्रयासरत है। शासन के निर्देश पर महानिदेशालय द्वारा विभाग प्रस्ताव शासन को भेजा गया। शासन की समस्त आपत्तियों का अंतिम रूप से निस्तारण करते हुये महानिदेशालय द्वारा 24-12-2019 को हम प्रार्थीगणों को प्रशिक्षण हेतु प्रबल संस्तुति करते हुये प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है।

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