किशुनपुर में रावण मैदान तक पहुंचा पानी
खागा-फतेहपुर। गंगा व यमुना नदी में पिछले चैबीस घंटे में तेजी से बढ़े जलस्तर ने हर किसी की चिंता बढ़ा दी है। तहसील क्षेत्र के कई गांवों के रास्ते में यमुना का पानी पहुंचने से संपर्क टूट चुका है। किशुनपुर, खखरेरू व धाता में नांव के सहारे लोग जरूरी कामकाज निपटाने के लिए आवाजाही करते हैं। किशुनपुर कस्बा में रावण मैदान तक पानी पहुंच चुका है। कस्बा से महावतपुर असहट गांव होकर यमुना तटवर्ती पिपरहा डेरा, गढ़ीवा मझिगवां, गुरूवल, बिकौरा, सेंधरी आदि गांवों को जोड़ने वाली सड़क के ऊपर पानी आ जाने से आवागमन ठप पड़ गया। तुर्की नाला के ऊपर बना पुल पानी में डूब चुका है। असहट-पहाड़पुर गांव के मध्य बने नाला के ऊपर पानी आ जाने से सड़क का अधिकांश हिस्सा डूब गया। इसी प्रकार खखरेड़ू-कोट मार्ग पर दरियापुर गांव से गुजरी ससुर खदेरी नदी का पुल पानी में डूब जाने से आवागमन बाधित हो गया। पुल के ऊपर पांच फिट पानी बढ़ गया। कोट, रहमदतपुर, चंदनमऊ, दौलतपुर, दरियापुर, मकसूदनपुर, बदनमऊ, कुल्ली, नसीरपुर, डढ़िया, गाजीपुर, अफजलपुर, चंदापुर, मलूकबारी, गाजीपुर टिकरा आदि गांवों के लोग रारी-खेमकरपुर मार्ग से होकर आवागमन करते हैं। नाव के सहारे लोग नदी पार कर रहे हैं। गुरुवार को तहसीलदार शशिभूषण मिश्र व सीओ गयादत्त मिश्र ने किशुनपुर यमुना घाट पहुंचकर बाढ़ का जायजा लिया था।
एंबुलेंस पहुंचने में दिक्कत
एंबुलेंस के लिए 30 किमी घूमकर आने के सिवाय दूसरा रास्ता नहीं बचा है। एंबुलेंस के गांव न पहुंच पाने से ग्रामीणों को जहां खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वहीं तरह-तरह की कठिनाईयांे से भी ग्रामीण दो-चार हो रहे हैं। उधर ग्रामीणों का कहना है कि नदी किनारे खेतों में बोई गई ज्वार, बाजरा, तिल, अरहर की फसलें पानी में डूब गई हैं। खागा से कोट रूट पर प्राइवेट बसों का संचालन ठप पड़ गया है।