प्रशासन के सारे दावे फेल, अभी तक नही मिली कोई भी सरकारी मदद तीन दर्जन गाँव हुए बाढ़ से प्रभावित_मुन्ना बक्श
जसपुरा-बाँदा ।पैलानी तहसील क्षेत्र के तीन दर्जन से अधिक गाँवो में बाढ़ से प्रभावित हो रहे हैं।लभगभ डेढ दर्जन से अधिक गाँवो के बाहरी इलाके में पानी घुस चुका है वही कुछ गाँवो के अंदर भी पानी घुस गया है लेकिन अभी भी पैलानी तहसील प्रशासन का कहना है कि किसी भी गांव में पानी नही पहुँचा हैं।तहसील क्षेत्र के नादादेव के मजरा शंकरपुरवा में आज रविवार को पानी घुसने से मजरे के लोगो ने अपने लिए सुरक्षित आसियान ढूढ़ना शूरु कर दिया है।मजरे के लोगो ने एक टीले में अपने रहने के लिए पन्नी व पुरानी साड़ियों से तब्बू लगाना शुरू कर दिया है।प्रशासन की ओर से अभी तक न ही मेडिकल टीम भेजी गई है गांव के लोगो का कहना है कि बिजली न होने की दशा पर मिट्टी का तेल भी नही दिया गया है।न ही कोई सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं।बाढ़ प्रभावित चौकी में भी कोई नहीं जाता है।जब इस सम्बंध में पैलानी के उपजिलाधिकारी रामकुमार से बात करनी चाही तो उसका फोन नाट रिचबल बता रहा था।आज चिल्ला की यमुना नदी खतरे के निशान से 1.86 मीटर ऊपर चल रही हैं।जल आयोग के अनुसार यमुना नदी में लगभग 10 सेंटीमीटर प्रति घण्टे के हिसाब से पानी आ रहा है।जिस वजह से केन व चन्द्रवल नदी बढ रही।तीन नदियों के प्रभाव से हजरों बीघा खेत जलमग्न हो गए हैं।यमुना नदी में लगातार पानी आने की वजह से बाँदा कानपुर स्टेट हाइवे में फतेहपुर जनपद के ललौली में पानी भर जाने से अवगम बन्द कर दिया गया है। पपरेन्दा में पुलिस ने बैरिकेड लगाकर कानपुर की तरफ जाने ट्रैफिक को हर तरह से रोक दिया है।उधर इसी मार्ग पर पड़ने वाले फतेहपुर जिले के ललौली कस्बे में बाढ़ का पानी सड़क के काफी ऊपर से बह रहा है, जिससे दोनों तरफ का यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में फ्लड पीएसी तैनात कर दी गई है. चिल्ला कस्बे में यमुना खतरे के निशान 100 मीटर से 1.86 मीटर ऊपर यानी 101.86 मीटर पर बह रही है।सीओ सदर सत्यप्रकाश शर्मा ने बताया कि बांदा-कानपुर रोड के ललौली में यमुना का पानी सड़क पर आ जाने की वजह से पपरेन्दा से लेकर फतेहपुर तक यातायात पूरी तरह से रोक दिया गया है. खतरे को देखते हुए छोटी से लेकर बड़ी गाड़ियों तक किसी को भी जाने की अनुमति नहीं दी जा रही. दोनों तरफ पुलिस बलों की तैनाती कर दी गई है और लोगों को आगे-जाने से रोका जा रहा है.