फतेहपुर। न्यूज वाणी नगर पालिका प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से आजाद। छुट्टा पशु हो गये और आजाद, रोडों पर देखिये इस आजादी की मिसाल। छुट्टा पशु मार्गो पर विचरण कर इस तरह से पघुराते है जैसे पालिकाध्यक्ष को दे रहे है धन्यवाद। हां फर्क सिर्फ यह हुआ है कि पशुओ की और आजादी से राहगीरों के पैरों में जरूर बेड़ियां पड़ गयी है।
यूं तो शहर में समस्यायों की कमी नहीं है लेकिन कुछ समस्याये ऐसी हैं जिनसे शहरवासियों को प्रतिदिन न चाहते हुए रूबरू होना पड़ता है। यह समस्या शहर के मार्गो पर छुट्टा टहलने वाले आवारा पशुओं से जन्म लेती है। 14 अगस्त को जब शहर के तमाम लोग आजादी का जश्न मनाने के लिए तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए घर से बाहर निकले तो उनके उत्साह को जगह जगह झटका लगता रहा। क्योंकि शहर में टहलने वाले छुट्टा पशुओं की आजादी के चलते शहरवासियों को अपने पैरांे में बेड़ियां फंसती सी महसूस हुई। राहगीर जहां नगरपालिका प्रशासन की उदासीनता को कोसते रहे वहीं बड़े मजे से सड़क पर बैठे आवारा पशु अपनी आजादी पर खुश होते हुए राहगीरों की तरफ मुंह उठाकर ऐसे पघुराते रहे जैसे उनको चिढ़ा रहे हो और पालिका प्रशासन को कार्रवाई न करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर रहे हों।