280 साल पुराने सिक्के लूटने की होड़ में ग्रामीणों ने सिंध में गोते लगाए, घाट पर तैनात करना पड़ा पुलिस जवान
एमपी के शिवपुरी जिले के पचावली गांव के पास सिंध नदी में चांदी के सिक्के बहकर आ गए। रानी विक्टोरिया छाप चांदी के सिक्के 280 साल पुराने बताए जा रहे हैं। सिक्कों के लिए ग्रामीणों में लूटमार मच गई। करीब 6 घंटे बाद पुलिस को खबर लगी। मौके पर पहुंचने पर लोग गायब हो गए। घटना रविवार की है। तेज बहती नदी में लोगों के इस तरह जान जोखिम में डालने पर पुलिस जवान को तैनात करना पड़ा है। सोमवार को भी ग्रामीण नदी के दूसरे घाटों पर सिक्के तलाश रहे हैं।
पचावली गांव में गोपाल दांगी का सिंध नदी के घाट किनारे पुराना घर है जिसकी पिछली दीवार बाढ़ में ढह गई। गांव के चार-पांच युवक घर का सामान उठाने के लिए नदी में उतर गए। घटना रविवार सुबह 6 बजे की बताई जा रही है। नदी में युवकों को चांदी के सिक्के मिलने लगे। खबर पूरे गांव मेँ आग की तरह फैल गई और लोग सिक्के लूटने के लिए नदी में गोते लगाने लगे। रन्नौद थाना पुलिस रविवार की दोपहर 12 बजे पचावली पहुंची, तब तक लोग भाग गए।
18वीं सदी के मिले सिक्के
ग्रामीणों को जो सिक्के मिले हैं उनके फोटो सामने आए हैं। चांदी के यह सिक्के 18वीं सदी के हैं। ईस्ट इंडिया कंपनी के सिक्कों पर सन 1840 दर्ज है और रानी विक्टोरिया छाप वाले सिक्कों पर सन 1862 दर्ज है। यह सिक्के 280 साल पुराने हैं।
ग्रामीणों के अनुसार हरदल केवट के हाथ काले रंग का मिट्टी का मटका लग गया। संभवत: सिक्कों से भरा यह मटका बाढ़ में डूबे किसी घर या नदी किनारे गड़ी मिट्टी ढहने से बहकर आया होगा। इस मटके में भरे 18वीं सदी के चांदी के सिक्कों को चार-पांच लोगों ने आपस में बांट लिया।
मकान मालिक ने की शिकायत
सिक्के सुबह 6 बजे मिलने की बात सामने आ रही है। पुलिस दोपहर 12 बजे आई और इस बात का पता चला तो हरदल केवट घर छोड़कर चला गया। पुलिस पूछताछ करने घर भी गई थी। पिता ने बताया कि बेटा कहीं चला गया है। नदी किनारे मकान ढहने के बाद सिक्के लूटने को लेकर गोपाल दांगी ने पुलिस से शिकायत की है। सिक्कों के बारे में सूचना मिलते ही पचावली पहुंचे तब तक लोग जा चुके थे। संबंधित लोगों से पूछताछ की है। सिक्कों के लिए ग्रामीण सिंध नदी में उतरकर जान जोखिम में डाल रहे थे इसलिए पुलिस जवान तैनात कर दिया है।