दुर्लभ बीमारी से ग्रसित आयांश के माता-पिता सोमवार को मुख्यमंत्री के जनता दरबार पहुंचे। बाहर चादर बिछाकर पिता आलोक और मां नेहा बैठ गई हैं। वहां पोस्टर लगाया है। इसमें लिखा है- ‘मैं जीना चाहता हूं’।पोस्टर में दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर स्ट्रॉफी के इलाज का खर्च बताया गया है। 16 करोड़ जुटाना है आयांश को बचाना है।’ उस पोस्टर पर यह भी लिखा है आयांश मांगे जीवन. इस तरह के स्लोगन के साथ पैरेंट्स आयांश को गोद में लेकर बैठ गए हैं।
आयांश के पिता कहते हैं- ‘एक बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आयांश को बुलाकर मिल ले उसके बाद वह समझ जाएंगे। यदि 10-20 लाख खर्च करने की बात होती तो पीछे नहीं हटते लेकिन बात 16 करोड़ की है। अपना पूरा जीवन भी दे देंगे तो 16 करोड़ नहीं जुटा पाएंगे। क्राउड फंडिंग कर रहे हैं लेकिन जब तक सरकार सहयोग नहीं करेगी, आयांश को बचाना मुश्किल है। मेरा सब कुछ सरकार ले ले, घर-बार जायदाद अपने पास रख ले, लेकिन मेरे बेटे को बचा ले’।
पटना के रुपसपुर के आलोक कुमार और नेहा सिंह के 10 माह के बेटे अयांश सिंह को SMA बीमारी है। आलोक सिंह ने 18 जुलाई को जनता दरबार में बच्चे के साथ जाकर मदद मांगने के लिए आवेदन दिया, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया। थक हार कर आलोक और नेहा जनता दरबार के बाहर आकर बैठ गए हैं।
नेहा का कहना है- ‘डॉक्टरों ने इस बीमारी में 18 माह से 2 साल की उम्र बताई है। इसमें मसल्स गल जाती है और सांस लेने तक की क्षमता नहीं रह जाती है। CM नीतीश कुमार से लेकर PM नरेंद्र मोदी तक से गुहार लगा रही है। वह बिहार के हर व्यक्ति से हाथ जोड़कर बेटे की जिंदगी के लिए भीख मांग रही हैं’। मां का कहना है- ‘अयांश की जिंदगी के लिए बिहार के हर घर से मदद चाहिए क्योंकि उसे अब बिहार और देश की जनता ही बचा सकती है’।आलोक और नेहा की दो संतान हैं। अयांश छोटा है और 6 साल की मानस्वी बड़ी है। मानस्वी पूरी तरह से स्वस्थ है लेकिन अयांश जन्म के दो माह बाद से ही SMA बीमारी का बिहार का पहला मरीज बन गया।