बता दे कि दुनिया में करीब 100 करोड़ बच्चों पर जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के प्रभाव का खतरा है।एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत समेत 33 देशों के बच्चों के स्वास्थ्य शिक्षा और सुरक्षा पर संकट मंडरा रहा है। क्लाइमेट चेंज और प्रदूषण के चलते दुनियाभर में बच्चे जलवायु परिवर्तन के किसी ने किसी प्रभाव से जूझ रहे हैं। वहीं भारत, नाइजीरिया, फिलीपींस और अफ्रीका समेत 33 देशों के बच्चे एक साथ तीन या चार प्रभावों का सामना कर रहे हैं। इन प्रभावों में हीटवेव, बाढ़, चक्रवात, बीमारी, सूखा और वायु प्रदूषण शामिल हैं।
इस रिपोर्ट को जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण के प्रभाव, गरीबी, बच्चों को स्वच्छ पानी की पहुंच, स्वास्थ्य और शिक्षा की पहुंच को देखते हुए तैयार किया गया है। रिपोर्ट के लेखकों में से एक निक रीस ने बताया कि दुनिया में बच्चे कहां और कैसे जलवायु परिवर्तन की चपेट में आ रहे हैं, उनकी तस्वीरें अकल्पनीय रूप से भयानक हैं।
इन सबसे समय रहते निपटने की जरूरत है। इस रिपोर्ट में कहा है कि जलवायु संकट के प्रभाव ‘गहन रूप से असामान्य’ थे। आने वाले दिनों में इसके और भी खराब होने की आशंका है। रीस के मुताबिक, दुनिया के टॉप 10 देश जो सबसे ज्यादा हाई-रिस्क में हैं, वे केवल 0.5% ग्लोबल इमिशन के लिए जिम्मेदार हैं।
रिपोर्ट में पाया गया कि 92 करोड़ बच्चे पानी की कमी, 82 करोड़ हीटवेव और 60 करोड़ बच्चे वेक्टर जनित बीमारियों जैसे मलेरिया और डेंगू बुखार के संपर्क से जूझ रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में करीब 30 करोड़ बच्चे अत्यधिक वायु प्रदूषण वाले इलाकों में रहते हैं।