परिवार वालों के शादी से मना करने पर थाने में प्रेमी जोड़े ने लिए सात फेरे, पुलिस वाले बने घराती-बाराती,  

छतीसगढ़ के बस्तर जिले  में स्थित मारडूम थाने में शहनाई बजी। यहां पुलिस ने पूरे रीति-रिवाज से एक प्रेमी जोड़े का विवाह करवाया। घराती और बाराती दोनों पुलिस वाले बने। परिजन ने विवाह से इंकार किया तो प्रेमी युवक-युवती ने थाना पहुंच पुलिस की शरण ली। जहां पुलिस ने पहले इनके बालिग होने का प्रमाण मांगा फिर परिजन को बुला कर शादी के लिए राजी किया। इसके बाद दोनों की शादी रचाई।

2 साल से एक-दूसरे से कर रहे थे प्रेम
युवक जहरू राम कश्यप (30) नाक टोका गांव में आश्रम में पदस्थ है। इसी गांव में ही रहने वाली युवती शनी मंडावी (20) से 2 साल पहले इसे प्रेम हुआ था। घर वालों से छिपते-छिपाते एक दूसरे से मिलते भी थे। वहीं कुछ महीने पहले दोनों ने जब अपने परिवार से अपने प्यार के बारे में बता कर एक-दूसरे से शादी करने की बात कही, तो परिजनों ने सख्ती बरती और प्रेम विवाह करने के लिए साफ मना कर दिया। परिजनों ने पुलिस को बताया कि, उनके परिवार में आज तक किसी ने भी लव मैरिज नहीं की है।

घर से भागकर दोनों पहुंचे थाना
प्रेमी जोड़े ने साथ जीने मरने की कसमें खाई थीं, इसलिए इन्होंने घर से भागने का निर्णय लिया और सीधे मारडूम थाना पहुंच गए। जहां दोनों ने अपने प्रेम के बारे में पुलिस जवानों को बताया। इसके बाद थाना के जवानों ने इनके बालिग हैं या नहीं इसका पता लगाया। दोनों के परिजन को पुलिस थाना बुलाकर समझाइश दी गई। इस बीच काफी देर तक तू-तू मैं-मैं भी चली। लेकिन पुलिस की समझाइश के बाद परिजन बच्चों की खुशी के लिए राजी हो गए।

पुलिस बनी घराती और बाराती  
परिजन ने कहा कि, हम गांव जाकर धूमधाम से बच्चों की शादी करेंगे, लेकिन पुलिस को परिजनों की बातों पर यकीन नहीं हुआ और उन्होंने थाना में ही शहनाई बजवाई। गांव के पुजारी को बुलाया गया जिन्होंने थाना परिसर में स्थित मंदिर में मंत्र पढ़ा, प्रेमी ने अपनी प्रेमिका की मांग में सिंदूर भरा, मंगलसूत्र भी पहनाया। फिर दोनों ने 7 फेरे लेकर जीवन भर एक दूसरे का साथ निभाने का वचन भी लिया। इस दौरान घराती और बाराती दोनों पुलिस जवान ही बने।

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