यूपी के कुशीनगर में जितेंद्र ने दिल दहलाने वाली घटना को अंजाम महज शक के आधार पर दिया था। मंगलवार को पुलिस ने इस घटना का खुलासा कर दिया है। सुबह उसने पहले पत्नी और बच्चों को जगाया। फिर बारी-बारी से सबका गला दबाकर मार डाला। फिर सब्जी काटने वाले हंसुआ से गला रेता। जहर खाने के कारण छह दिनों तक गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती रहा। इलाज के बाद ठीक होकर आने पर पत्नी और अपने तीन मासूम बेटों की निर्मम हत्या करने वाले हत्यारे ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
इस नृशंस हत्याकांड का कसया थाने में खुलासा करते हुए एसओ अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि कुड़वा उर्फ दिलीप नगर के गोपाल टोला का निवासी जितेंद्र राजगीर मिस्त्री का कार्य करता था। वह शराब पीने का भी आदी था। उसे अपनी पत्नी का किसी गैर पुरुष से संबंध होने का शक था।
वह तीनों बेटों को भी अपना नहीं मानता था। इसी कारण पति-पत्नी के बीच अक्सर कलह होती रहती थी। वह पत्नी और बच्चों को घर से भी निकलने नहीं देता था। पूरा प्लान बनाकर उसने 27 अगस्त की सुबह करीब छह बजे घटना को अंजाम दिया। फिर खुद भी जहरीला कीटनाशक खा लिया।
लीलावती के पिता रामजी कुशवाहा की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। घटना को अंजाम देने वाले हंसिया को भी पुलिस ने बरामद कर लिया है। एसओ ने बताया कि हत्या मामले में दर्ज मुकदमे में आरोपी को न्यायालय भेजा जा रहा है।