विकास की लहर, हर गांव हर शहर* *कितना झूठ, कितना सच*_मुन्ना बक्श

 

बांदा : प्रदेश की कर्मठ, ईमानदार और पारदर्शी भा.ज.पा की योगी आदित्यनाथ सरकार ने साढ़े चार वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। चंद दिनों में आचार संहिता लागू कर दी जायेगी तथा विधान सभा चुनावों की घोषणा कर दी जायेगी। योगी सरकार के साढ़े चार वर्ष पूरे होने पर जनपद के प्रभारी मंत्री लाखन सिंह राजपूत द्वारा रविवार को कलेक्ट्रेट सभागार में प्रदेश सरकार की उपलब्धियां गिनाने के लिए प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।प्रेस वार्ता शुरू होने के पहले नवागंतुक जिलाधिकारी बांदा अनुराग पटेल ने सभागार में उपस्थित पत्रकारों, अधिकारियों व कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने साढ़े चार वर्षों में सभी क्षेत्रों में आशातीत कार्य किया है। आज की प्रेस वार्ता का आयोजन प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को जन जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से ही की गई है।प्रदेश सरकार के साढ़े चार वर्ष पूर्ण होने पर सरकार की नीतियों और उपलब्धियों को बताने जनपद पहुंचे प्रभारी मंत्री लाखन सिंह राजपूत ने अपने आधे घंटे के संबोधन में प्रदेश सरकार द्वारा किए गए और किए जा रहे तमाम कार्यों का अच्छी शब्दावली के साथ मीडिया कर्मियों के सामने ब्रीफिंग की। संबोधन के उपरांत जैसे ही मीडिया कर्मियों द्वारा प्रश्नों का दौर शुरू हुआ माननीय मंत्री के उत्तर लड़खड़ाने लगे। शहर में शुद्ध पेयजल आपूर्ति क्यों नहीं की जा रही है के सवाल पर मंत्री जी ने उत्तर दिया कि लिखित में शिकायत दो तब कार्यवाही करवाऊंगा।भा ज पा शासन काल में गुणवत्ता विहीन निर्मित दुरेंडी रेलवे अंडर पास लगभग दो दिन पहले अचानक धाराशाही हो गया था। इस अंडर पास की दीवारों के धाराशाही होने के चलते ये मुख्य मार्ग बंद हो गया है। लगभग 25 गांवों का संपर्क मुख्यालय से कट गया है। इन पच्चीस गांवों के ग्रामीणों, मरीजों तथा स्कूली बच्चों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पत्रकार द्वारा सवाल पूंछे जाने पर मंत्री जी उत्तर देने से बचते नजर आए। पत्रकार विनोद मिश्रा के रोजगार सृजन और पेंशन बहाली के सवाल का भी उत्तर माननीय मंत्री लाखन सिंह राजपूत ने देना उचित नही समझा।प्रभारी मंत्री के आंकड़ों के अनुसार राज्य वित्त आयोग/15वां वित्त आयोग के अंतर्गत बांदा जनपद में 4 वर्षों में 42864.16 लाख रुपए से विकास कार्य (नाली निर्माण, गौशाला निर्माण, खड़ंझा निर्माण, सी.सी.रोड निर्माण, हैंडपंप रिबोर/मरम्मत) इत्यादि में खर्च किए गए। सवाल पूंछे जाने पर कि बुंदेलखंड सहित बांदा की मुख्य समस्या है अन्ना प्रथा इतना लंबा बजट खर्च होने के बावजूद गौवंश की ये दुर्दशा क्यों है तो मंत्री जी कहीं का उत्तर कहीं देते नजर आए। अंत में बिना उत्तर दिए प्रेस वार्ता की समाप्ति की घोषणा कर दी गई। कुल मिलाकर साढ़े चार वर्ष पूरे।

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