राजस्थान के अजमेर जिले में रविवार को दो सगी बहनों ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी । दोनों शादीशुदा थीं और अपने पीहर में रह रही थीं। दोनों के शव की शिनाख्त परिजन ने रविवार रात को राजकीय अमृतकौर अस्पताल की मॉर्च्युरी पहुंचकर की।
दोनों बहने घर से रविवार सुबह करीब दस बजे चाट पकौड़ी खाने के लिए अपनी मां से रुपए लेकर निकली थीं। आत्महत्या के कारणों को लेकर परिजन भी हैरान हैं। उन्हें भी ऐसी कोई आशंका नहीं थी। वे रेलवे ट्रैक तक कैसे पहुंचीं और आत्महत्या क्यों की? इसको लेकर राजकीय रेलवे पुलिस पड़ताल कर रही है। युवतियों की पहचान मेवाड़ी गेट बाहर निवासी स्व. छोटू गुर्जर की पुत्री अंजू (21) और निशा (19) के रूप में हुई है। बहनों का एक भाई धर्मेन्द्र (23) की शादी हो चुकी है और दूसरा भाई मनीष 10 साल का है। मृतक बहनों की दो बड़ी बहनें शोभा और लल्लू की भी शादी हो चुकी है और एक छोटी बहन तारा (11) है।
अंजू की शादी ब्यावर के पास शिवनाथ पुरा निवासी राकेश गुर्जर के साथ हुई थी। करीब 11 माह पहले उसका आठ माह का गर्भ गिर गया था। इसके बाद से वह पीहर में ही रह रही थी। ससुराल पक्ष की माने तो कई बार ले जाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं गई। छोटी बहन निशा की भी शादी ब्यावर के पास पीपलाज में हुई थी। वह ससुराल में होने वाले कार्यक्रमों में तो जाती थी लेकिन रहने के लिए कभी नहीं गई।
परिजनों का कहना है कि रविवार सुबह दोनों बहनें चाट पकौड़ी खाने के लिए घर से निकली। इसके लिए मां से रुपए भी लिए। शाम तक नहीं लौटी और दो लड़कियों के ट्रेन से कटने की सूचना मिली। क्षेत्रीय पार्षद के पुत्र अमित प्रजापत के साथ जाकर परिजनों ने अस्पताल की मॉर्च्युरी पहुंचकर शिनाख्त की। परिजन ने बताया कि ऐसी कोई बात नहीं हुई थी और न ही उनकी जानकारी में कोई ऐसी बात थी जिससे ये आत्महत्या कर ले। मामले की जांच राजकीय रेलवे पुलिस कर रही है और जांच के बाद ही कारणों का खुलासा हो पाएगा।
यह है पूरा मामला
ब्यावर से जोधपुर की ओर जा रही मालगाड़ी की चपेट में आने से रविवार दोपहर को गहलोत कॉलोनी के पास रेलवे ट्रैक पर दो लड़कियों की मौत हो गई। राजकीय रेलवे पुलिस मौके पर पहुंची तो पता चला कि दोनों लड़कियां पहले डीएफसी ट्रैक पर मालगाड़ी के आगे आ गई थीं। मालगाड़ी चालक ने ब्रेक लगा दिए। उनको हटाकर निकल गया। इसकी सूचना भी दी और इससे पहले कि पुलिस पहुंचती अन्य ट्रैक पर दूसरी मालगाड़ी की चपेट में आ गईं। यहां भी मालगाड़ी चालक ने हॉर्न बजाया तो वे एक बार हट गईं थी, लेकिन जब मालगाड़ी पास में आई तो वे दोनों एक-दूसरे का हाथ पकड़कर ट्रेन के आगे कूद गईं। दोनों के शव को ब्यावर के राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय की मॉर्च्युरी में रखवाया। रविवार रात उनकी शिनाख्ती हुई।