नई दिल्ली । पूर्वी दिल्ली निगम के प्राथमिक स्कूल में पढ़ने वाली तीन सगी बहनों के साथ उनके चचेरे भाई ने न जाने कितनी बार दुष्कर्म किया। ये बच्चियां जब स्कूल में गुड टच और बैड टच के बारे में सुनतीं तो उनकी आंखों के सामने भाई का खूंखार चेहरा आ जाता। बच्चियों के माता-पिता भी इस बात से अनजान थे।एक दिन बच्चियों के लिए निगम की काउंसलर व कड़कड़डूमा कोर्ट के पूर्वी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) फरिश्ता साबित हुए। डीएलएसए के अधिकारी ने बताया कि निगम की काउंसलर स्कूल में बच्चियों की काउंसलिंग के लिए गई थीं। इस दौरान उनके पास तीन बहनें रोते हुए आईं और आपबीती बताई तो सभी की आंखों में आंसू आ गए। काउंसलर ने पूरा मामला डीएलएसए को बताया। डीएलएसए ने इस मामले को गंभीरता से लिया। बच्चियां दूसरी, तीसरी और चौथी कक्षा में एक ही स्कूल में पढ़ती हैं। सबसे छोटी बच्ची की उम्र छह साल की है। चचेरा भाई बालिग है। वह बच्चियों के घर से थोड़ी दूरी पर ही रहता है। बच्चियों का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। बच्चियों के माता और पिता मजदूरी करते हैं। बच्चियों को घर में अकेला पाकर आरोपित दुष्कर्म करता था। बच्चियों को असहनीय दर्द होता था। दर्द के बारे में परिवार को बताती थीं, लेकिन परिवार को लगता था कि खाने-पीने की वजह से हुआ है।
डीएलएसए के सचिव व न्यायाधीश पवन कुमार ने बताया कि डीएलएसए के पास यह मामला आया था। डीएलएसए ने बिना देरी किए पूर्वी जिला पुलिस को पत्र लिखा। उन्होंने बताया कि डीएलएसए सभी स्कूलों में इस तरह के मामलों को लेकर जागरूकता कार्यक्रम करता है। डीएलएसए का उद्देश्य पीड़ितों को न्याय दिलवाना है।
पुलिस ने डीएलएसए की शिकायत पर तीनों बच्चियों का मेडिकल टेस्ट करवाया, जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई। शकरपुर थाने में पॉक्सो सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपित भाई को जेल भेज दिया है।