अवैध सम्बन्ध के चलते ग्वालियर के देवरी कलां गांव में युवक की हत्या का मामला सामने आया है। युवक की हत्या की आरोपी पत्नी 9 साल छोटे लड़के को दिल दे बैठी थी। पुलिस से पूछताछ में उसने बताया कि पति की हत्या का मलाल नहीं है। उसने जीना हराम कर दिया था। बात-बात पर पीटता था फिर मुझे मनीष से प्यार हो गया। वो मेरा ख्याल रखता था। फिर ठान लिया इस बार का करवाचौथ का व्रत मनीष के लिए रखूंगी। इसके बाद हत्या की योजना बना ली।
4 सितंबर को उसने पति की गला दबाकर हत्या कर दी और पूरी रात शव के साथ बिस्तर पर पड़ी रही ताकि बच्चों को लगे कि उनके पिता सो रहे हैं। दूसरे दिन बॉयफ्रेंड और उसके दोस्त के साथ मिलकर शव को नहर में फेंक दिया। 52 दिन बाद मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। आरोपी महिला के पास से 10 सिम कार्ड मिले हैं। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
ग्वालियर जिले की चीनोर पुलिस को पुरानी नहर में 6 सितंबर की सुबह युवक का शव मिला था। मृतक के दोनों हाथों पर टैटू बने थे। प्रारंभिक तौर पर शिनाख्त नहीं हो पाई थी। शव का पोस्टमार्टम कराया गया तो अलग कहानी सामने आई। रिपोर्ट में गला दबाने का मौत होना सामने आया। इसके बाद उसकी पहचान बेलगढ़ा थाना इलाके देवरी कलां गांव के रहने वाले परीक्षित रावत (30) के रूप में हुई। पता लगा कि उसकी पत्नी बसंती रावत ने गुमशुदगी दर्ज कराई है। इसके बाद पड़ताल की तो पुलिस को कई सुराग मिले। सामने आया कि परीक्षित की हत्या उसकी पत्नी बसंती, महिला के प्रेमी मनीष रावत व उसके दोस्त रवींद्र ने की थी।
पुलिस जांच के लिए जब घर पहुंची तो देखा कि पत्नी सभी से हंसकर बात कर रही है। पुलिस को शक हुआ कि पति की मौत का किसी पत्नी को गम नहीं है। तेरहवीं के बाद बसंती को पूछताछ के लिए थाने बुलाया। बसंती के पास दो मोबाइल थे। पुलिस ने उसे चेक किया तो उसमें चार सिम थे और मोबाइल के कवर में छह सिम और मिले। पुलिस ने कॉल डिटेल निकाली तो एक नंबर पर कई बार बात हुई थी। यह नंबर मनीष रावत का निकला। पुलिस ने उसे रविवार को हिरासत में लिया। कड़ाई से पूछताछ की तो उसने हत्या की पूरी कहानी बताई। इसके बाद पुलिस ने सोमवार को बसंती और मनीष के दोस्त रवींद्र को भी गिरफ्तार कर लिया।
हुई थी 11 साल पहले शादी
परीक्षित रावत (30) और बसंती (29) की शादी 11 साल पहले हुई थी। दोनों को 7 साल की बेटी और 5 साल का बेटा है। परीक्षित पेशे से मजदूर और नशे का आदी था। नशे में धुत होकर वह बसंती के साथ मारपीट करता था। इससे बसंती तंग आ चुकी थी। इसी बीच, करीब एक साल पहले उसकी पहचान गांव के ही ITI के छात्र मनीष रावत (20) से हुई। दोनों में प्यार हो गया।
प्रेमी के घर आने पर भेज देती थी बच्चों को बहाने से बाहर
पति की गैर हाजिरी में बसंती से मनीष मिलने आने लगा। जिस समय वह आता था, बसंती बच्चों को घर के बाहर खेलने भेज देती थी। अब दोनों के मिलन में परीक्षित खटक रहा था। दोनों ने उसे रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। पुलिस के मुताबिक, 4 सितंबर की रात परीक्षित नशे में धुत होकर पहुंचा। इसी समय बसंती ने मनीष को कॉल कर कहा कि इस बार का करवाचौथ का व्रत इसके लिए रखना नहीं चाहती। मनीष घर पहुंचा। बसंती ने दोनों बच्चों को मोबाइल देकर गेम खेलने का कहकर भेज दिया। इसके बाद वह पति की छाती पर बैठ गई और प्रेमी ने गला दबाया। फिर पत्नी ने भी गला भी दबा कर उसे मार डाला।
रखी थी एक दिन घर में ही छिपाकर लाश
रात ज्यादा होने पर मनीष अकेले शव को ठिकाने लगाने में सफल नहीं हो रहा था इसलिए लाश को घर में ही रखा। बसंती ने पति को चादर ओढ़ा दिया। उसके साथ बिस्तर पर ही लेटी रही, जिससे बच्चों को अहसास न हो कि उनके पिता मर चुके हैं। बच्चों को बताया कि पापा सो रहे हैं। इसके बाद 5 सितंबर की रात 11 बजे मनीष दोस्त रवीन्द्र रावत को लेकर आया। बाइक पर दोनों ने परीक्षित की लाश को बाइक पर बीच में इस तरह रखा जैसे लोगों को लगे कि तीन युवक बैठकर जा रहे हैं। रास्ते में एक बार लाश नीचे भी गिर गई, पर दोनों ने उठाकर वापस रख लिया। चार किलोमीटर दूर नहर में फेंक दी।