शादी के 15 दिन बाद ही रुपए और जेवरात लेकर फरार हुई मामा-भांजे की दुल्हनें

 

राजस्थान के नागौर में एक ऐसा मामला सामने आया जहाँ  मामा-भांजे की दुल्हनें शादी के 15 दिन बाद ही रुपए और जेवरात लेकर फरार हो गईं। घटना एक महीने पहले की है। परिवार दोनों बहुओं को घर लाने के लिए मान मनुहार करता रहा बात नहीं बनी तो मामला थाने तक पहुंचा। 18 अगस्त को एक एग्रीमेंट के बाद दोनों की शादी हुई थी। पीड़ित नागौर जिले के जावला गांव में रामदयाल की आटा चक्की है, जबकि दीपेश प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। दोनों की शादी दीपाली और रमा नाम की महिलाओं से हुई थी, दोनों नागपुर की रहने वाली है। परिवार को शादी के बाद से ही इन दोनों दुल्हनों पर शक हो गया था।

पतियों ने दोनों को नए मोबाइल दिलवाए और उसमें एक क्लोनिंग ऐप डाउनलोड कर दिया। यह एक ऐसा ऐप था, जिसके जरिए दोनों बहनों के कॉल डिटेल समेत मैसेज और दूसरी जानकारी इनके मोबाइल पर आ जाती थी, लेकिन दोनों इतनी शातिर निकलीं कि चकमा देकर रात 2 बजे फरार हो गईं।

  नागौर जिले के जावला गांव के दीपेश पुत्र श्याम सुन्दर शर्मा (25) और उसके मामा रामदयाल पुत्र मोहनलाल निवासी सुरसुरा को एक परिचित ने शादी के लिए दलाल दंपती के बारे में बताया था। 10 अगस्त को वकील मोहम्मद और उसकी पत्नी आलिया की दोनों मामा-भांजे से जावला गांव में बातचीत हुई। 2 दिन बाद अजमेर में मामा-भांजे को लड़कियां दिखाई गईं। वकील मोहम्मद और उसकी पत्नी आलिया ने 5 लाख रुपए में सौदा कर नागपुर निवासी दीपाली और रमा से मुलाकात करवाई। इसके बाद 18 अगस्त को एग्रीमेंट कराकर मंदिर में शादी कर ली।

घटना वाले दिन 2 सितंबर को रामदयाल की पत्नी रमा अपनी बहन दीपाली से मिलने का कहकर रामदयाल के साथ जावला में दीपेश के घर आ गई। देर रात दीपाली और रमा ने रामदयाल और दीपेश के लिए दूध गर्म किया था। दोनों ने दूध में नशीली गोलियां देकर मामा-भांजे को बेहोश कर दिया। इसके बाद नकदी और सोने के मंगलसूत्र और पाजेब के अलावा मोबाइल लेकर भाग गईं।

 दलाल को रात 2 बजे कॉल कर  छत से चुनरी डालकर नीचे उतरीं
जब मामा-भांजे की अगले दिन सुबह आंख खुली तो दोनों की पत्नियां घर में नहीं थीं। इन्हें पहले से शक था कि इनके साथ धोखाधड़ी हो सकती है। इस पर मोबाइल ऐप के जरिए डिटेल खंगाली तो सामने आया कि दोनों काफी दिनों से दलाल वकील से बातचीत कर रही थीं। घटना वाली रात भी नशीलीं दवाई देकर रात 2 बजे दलाल को फोन किया। घर के दरवाजे बंद थे तो चुनरी बांधकर छत से नीचे उतरीं और दलाल के साथ फरार हो गईं। इसके बाद उन्हें रेलवे स्टेशन छोड़ दिया गया।

मोबाइल की ऐसे करते थे  जासूसी
अपनी-अपनी दुल्हन की जासूसी के लिए दोनों मामा-भांजे ने उन्हें नया मोबाइल और सिम दिलवाई थी। सिम के नंबर से उन्होंने ओटीपी लेकर अपने मोबाइल में एक ऐप डालकर उसे वेरिफाई कर लिया था। इसके चलते दोनों दुल्हनें जब भी किसी से बात करती या मैसेज करती उसका पूरा डाटा मामा-भांजे के मोबाइल में भी सेव जाता था।

Leave A Reply

Your email address will not be published.