बिहार पंचायत चुनाव के छठे चरण में पहली बार एक साथ 9 जगहों पर अलग-अलग 9 पदों के लिए इसलिए चुनाव नहीं हो सके क्योंकि, यहां उम्मीदवारों की मौत हो गई थी। चुनाव चिह्न मिलने से पहले और प्रचार के दौरान हुई इन मौतों के कारण चुनाव स्थगित करना पड़ा है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इन जगहों पर पुनर्मतदान कराने का फैसला लिया है।
इस चरण में 61.07 फीसदी मतदान हुआ। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, छठे चरण में कुल 11 जगहों पर चुनाव संपन्न नहीं कराया जा सका। इसमें 9 जगहों पर उम्मीदवारों की मौत हो जाने के कारण चुनाव नहीं हो सका। इसके साथ ही 1 जगह पर तकनीकी खराबी और 1 जगह पर ईवीएम में हुई तोड़फोड़ के कारण चुनाव नहीं कराया जा सका।
चुनावी मैदान में खड़े जिन 9 उम्मीदवारों की मौत हुई हैं, उनमें से 7 ग्राम पंचायत सदस्य के लिए,1 मुखिया और 1 पंच पद के लिए चुनावी मैदान में उतरे थे। इनमें से 2 मुजफ्फरपुर, 1 वैशाली, 1 पूर्णिया, 1 समस्तीपुर, 1 पूर्वी चंपारण, 1 दरभंगा, 1 भोजपुर और 1 भागलपुर का उम्मीदवार शामिल है। मृत उम्मीदवारों में 5 पुरूष 4 महिला उम्मीदवार शामिल है। छठे चरण में 26 हजार 200 पदों के लिए 93 हजार 586 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।
निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी में यह नहीं बताया गया है कि उम्मीदवारों की मौत कैसे हुई है लेकिन इसमें तारीख की जानकारी दी गई है। इसके मुताबिक सभी की मौत 17 अक्टूबर से लेकर 29 अक्टूबर के बीच हुई है। छठे चरण में 18 अक्टूबर को उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न दिया गया था। मतलब यह है कि 1 उम्मीदवार को छोड़कर सभी की मौत चुनाव चिह्न आवंटन से लेकर प्रचार के दौरान हुई है।
पूर्वी चंपारण के कल्याणपुर में बुधवार को हुए मतदान के दौरान बूथ संख्या 273 पर ग्रामीणों ने ईवीएम मशीनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था। ग्रामीणों का आरोप था कि मशीन में गड़बड़ी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बूथ पर सभी छ: पदों पर पुनर्मतदान कराने का फैसला लिया है। इसके अलावा लखीसराय प्रखंड के महिषोना के मतदान केन्द्र संख्या 128 पर ईवीएम के कमीशनिंग के कारण यहां पुनर्मतदान होगा।